
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए 350 करोड़ की सुरक्षित शहर योजना बनाई गई है. बुजुर्गों की देखभाल के लिए 850 करोड़ और पशुओं की देखरेख के लिए 525 करोड़ की योजनाएं शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के शहरों को बेहतर बनाने के लिए 2026 से 2031 तक एक बड़ी योजना बनाई गई है. इस योजना पर कुल ₹1.29 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे. इसका मकसद है शहरों को ज्यादा साफ, सुरक्षित, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाना. हाल ही में यह योजना केंद्र सरकार को दिखाई गई है, जिसमें अगले पांच सालों में किए जाने वाले कामों का पूरा खाका बताया गया है.
इसमें सड़कों, नालों और दूसरे बुनियादी ढांचे को सुधारने के साथ-साथ लोगों की जिंदगी आसान बनाने की कोशिश की जाएगी. योजना में बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और जानवरों की ज़रूरतों का भी ध्यान रखा गया है. साथ ही, तकनीक और पर्यावरण से जुड़ी चीजों को भी महत्व दिया गया है.
इस योजना का सबसे बड़ा हिस्सा शहरों में बेहतर सड़क नेटवर्क बनाना है, जिसके लिए ₹30,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे. इससे शहरों के अंदर आने-जाने में आसानी होगी और पास के कस्बों से भी बेहतर जुड़ाव होगा, जिससे व्यापार और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे. शहरों में जलभराव रोकने के लिए 27,500 करोड़ की ड्रेनेज योजना बनाई गई है. यह योजना बरसात के पानी को सही तरीके से निकालने में मदद करेगी. साफ-सफाई और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 15,000 करोड़ सीवरेज और शौचालयों से जुड़े प्रबंधन पर खर्च होंगे.
साफ पानी पहुंचाने के लिए 9900 करोड़ की योजना
इनके रखरखाव के लिए अलग से 5,387 करोड़ का बजट रखा गया है. हर घर में साफ पानी पहुंचाने के लिए 9,900 करोड़ की योजना है, और इसकी मरम्मत व देखरेख के लिए 8,286 करोड़ रखे गए हैं. शहरों को हरा-भरा और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए इस योजना में 1,265 करोड़ की हरियाली और बागवानी से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं.
इसके अलावा 990 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रिक श्मशान घाट बनाए जाएंगे, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी. 17 बड़े शहरों और 3 एनसीआर क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 3120 करोड़ खर्च किए जाएंगे. इसका मकसद लोगों को साफ और सुरक्षित हवा देना है. इन सभी योजनाओं का लक्ष्य है शहरों को ज्यादा साफ, हरे-भरे और सेहतमंद बनाना.
इन शहरों में रहने वाले लोगों की जिंदगी को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए कई नई योजनाएं बनाई गई हैं. इसमें युवाओं को पढ़ाई और जानकारी के नए मौके देने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी पर 1490 करोड़ खर्च किए जाएंगे. इन शहरों के कामकाज को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए 1400 करोड़ की स्मार्ट पालिका योजना लाई जा रही है.
पशुओं की देखरेख के लिए 525 करोड़ की योजनाएं
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए 350 करोड़ की सुरक्षित शहर योजना बनाई गई है. बुजुर्गों की देखभाल के लिए 850 करोड़ और पशुओं की देखरेख के लिए 525 करोड़ की योजनाएं शामिल हैं. लोगों के लिए सामुदायिक सभाएं, कसरत और सफर आसान बनाने के लिए 1450 करोड़ के सभागार, 1000 करोड़ के खुले जिम और 5935 करोड़ की शहरी यातायात व्यवस्था पर भी काम होगा.