
अब महिलाएं कम बजट में अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इस दिशा में पहल करते हुए उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टीटीसी) ने पहली बार फूड प्रोसेसिंग लैब की स्थापना की है। लैब में कुल 17 मशीनें लगाई गई हैं, जिनमें मोटर चलित मिनी राइस मिल, दाल मिल, सेवई मशीन, पापड़ मेकिंग मशीन, आटा चक्की, सोलर ड्रायर, पैकेजिंग मशीन, बड़ी मेकिंग मशीन, आलू छीलने का यंत्र, ऑयल एक्सपेलर, सफाई एवं ग्रेडर मशीन, मिलेट फ्लेकिंग मशीन आदि शामिल हैं।
लैब का उद्देश्य महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रशिक्षित कर छोटे और सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए प्रेरित करना है। खास बात यह है कि इन मशीनों की कीमत मात्र 12 हजार रुपये से शुरू हो जाती है, जिससे महिलाएं कम लागत में अपना काम शुरू कर सकती हैं।
टीटीसी में महिलाओं को तीन दिन की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग अवधि के दौरान प्रत्येक प्रतिभागी को 250 रुपये प्रतिदिन छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, साथ ही आने-जाने के लिए एक बार 250 रुपये का किराया भी दिया जाता है। ट्रेनिंग पूरी होने पर संस्थान की ओर से प्रमाणपत्र भी जारी किया जाएगा।
120 महिलाओं ने प्रशिक्षण शुरू किया
ट्रेनिंग हेड श्वेताभ सिंह ने बताया कि सोमवार को ढंढूर क्षेत्र से आईं 120 महिलाओं ने प्रशिक्षण शुरू किया है। उन्होंने बताया कि महिलाएं ट्रेनिंग के प्रति काफी उत्साह दिखा रही हैं। जो भी महिला ट्रेनिंग लेना चाहती है, वह टीटीसी से संपर्क कर सकती है।
मशीन के बारे में जानिए
मिनी राइस मशीन: इस मशीन से धान से चावल निकालने की प्रक्रिया को सरल, तेज और कुशल बनाने के लिए किया जाता है। इसकी कार्य क्षमता 150 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें तीन हॉर्स पावर की मोटर लगी हुई है।
दाल मिल: यह मशीन दाल को साफ करने, छिलका हटाने और पाॅलिस करने में काम आती है। इसकी कार्य क्षमता 40-50 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 1 हॉर्स पावर की मोटर लगी हुई है।
सेवई मशीन: इस मशीन से गेहूं के आटे या मैदे से सेवई बनती है। इसकी कार्य क्षमता 10-15 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 1.5 हॉर्स पावर की मोटर है।
पापड़ मेकिंग मशीन: इस मशीन से आटे की लोई को बेलकर समान मोटाई के पापड़ बनाए जाते हैं। इसकी कार्य क्षमता 60 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 0.5 हॉर्स पावर की मोटर लगी है।
आटा चक्की: इस मशीन से गेहूं, मक्का, चावल आदि अनाज को पीसा जाता है। इसकी कार्य क्षमता 8-10 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 1 हॉर्स पावर की मोटर है।
पैकेजिंग मशीन: इस मशीन से पैकिंग की जाती है। इसकी कार्य क्षमता 10-15 पैकिंग प्रति मिनट है। इसमें 0.5 हॉर्स पावर की मोटर लगी है।
आलू छीलन यंत्र: इस मशीन का प्रयोग आलू और अन्य सब्जियों के छिलके उतारने के लिए किया जाता है। इसकी कार्य क्षमता 100-150 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 2 हॉर्स पावर की मोटर लगी है।
ऑयल एक्सपेलर: इस मशीन का प्रयोग तिलहन, फसल जैसे सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, अलसी, तिल आदि से तेल निकालने के लिए किया जाता है। इसकी कार्य क्षमता 3-4 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 1 हॉर्स पावर की मोटर लगी हुई है।
सफाई एवं ग्रेडर मशीन: इस मशीन से गेहूं, चना, धान, जौ, मक्का आदि को साफ करने और आकार के अनुसार अलग करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसकी कार्य क्षमता 400-500 किलोग्राम प्रति घंटा है। इसमें 1 हॉर्स पावर की मोटर लगी है।
अधिकारी के अनुसार
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार फूड प्रोसेसिंग लैब बनाई गई है। जिसमें अलग-अलग रखी हैं। तीन दिन की निशुल्क ट्रेनिंग लेकर महिलाएं अपना काम शुरू कर सकती है। ट्रेनिंग के बाद संस्थान की ओर से सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। -मुकेश जैन, डायरेक्टर, उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान।



