
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने हिसार के सरकारी स्कूलों की खतरनाक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए स्वत: संज्ञान लिया है। एक प्रमुख समाचार पत्र में 07 अगस्त 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि हिसार के 27 सरकारी स्कूलों की इमारतें या उनके बड़े हिस्से लोक निर्माण विभाग द्वारा असुरक्षित घोषित किए जाने के बावजूद, वहीं पर कक्षाएं चलाई जा रही हैं। कई जगह छात्र खुले बरामदों, सील कमरों, लैब और स्टाफ हॉल में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में सांप और अन्य खतरों का भी डर बना हुआ है।
बच्चों के लिए गंभीर खतरा
अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन एवं दीप भाटिया को मिलकर बने पूर्ण आयोग के अनुसार, यह महज असुविधा का मामला नहीं बल्कि बच्चों के जीवन और सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ है। मंगाली गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 480 छात्र खुले बरामदे में पढ़ रहे हैं क्योंकि 22 कमरे गिरने के खतरे के चलते सील कर दिए गए हैं। डोभी गांव में सभी 24 कक्षाएं जर्जर हैं और छात्रों को लाइब्रेरी, लैब व स्टाफ रूम में ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है। धांसू, सिसवाला, आर्य नगर और राजली जैसे कई स्कूलों में बच्चे इमारतों के उन हिस्सों में पढ़ रहे हैं, जहां दीवार या छत गिरने का खतरा हर समय बना रहता है।
हिसार में जर्जर इमारतों की सूची
- धांसू- पूरा भवन असुरक्षित
- डोभी -24 कमरे
- मंगाली -22 कमरे
- राजली -16 कमरे
- धनी मोहब्बतपुर- 12 कमरे
- सिसर खरबाला -11 कमरे
- बास (मॉडल संस्कृत) -10 कमरे
- आर्य नगर (गर्ल्स स्कूल) -10 कमरे
- सिसवाला- 8 कमरे
संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन
न्यायमूर्ति ललित बत्रा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग ने अपने आदेश में लिखा है कि यह स्थिति संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) और अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) का उल्लंघन है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि और मानवाधिकार सार्वभौमिक घोषणा के तहत बच्चों के सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार का भी हनन है।
दूसरे राज्यों की दर्दनाक घटनाओं का हवाला
राजस्थान के जैसलमेर जिले में हाल ही में एक सरकारी स्कूल का गेट गिरने से 7 वर्षीय बच्चे की मौत और झालावाड़ जिले में स्कूल भवन गिरने से 7 छात्रों की मौत जैसे हादसों का जिक्र करते हुए अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन एवं दीप भाटिया ने चेताया कि हरियाणा में ऐसा कोई हादसा न हो, इसके लिए तत्काल कदम उठाने होंगे।
आठ सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी
प्रोटोकॉल, सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने जानकारी दी कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी, स्कूल शिक्षा विभाग; महानिदेशक, माध्यमिक शिक्षा; उपायुक्त, हिसार; अतिरिक्त उपायुक्त, हिसार; और ज़िला शिक्षा अधिकारी, हिसार को निर्देश दिया है कि निम्न बिंदुओं पर 8 हफ्तों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट दें।