आम आदमी पार्टी के लिए हरियाणा का चुनाव कई मायनों में अहम है। दरअसल अगले साल फरवरी व मार्च में दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। यदि विपरीत परिस्थितियों में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन रहता है तो पार्टी के लिए दिल्ली का रास्ता आसान हो सकता है। वहीं, पंजाब में भी इसका सकारात्मक असर जाएगा।
दिल्ली और पंजाब की सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अब हरियाणा पर टिकी है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में एक सीट पर उतरी आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनाव में उम्मीद की किरण दिख रही है। पार्टी मान रही है कि जिस तरह से उसे एक लोकसभा सीट पर करीब चार फीसदी वोट मिला है, विधानसभा चुनाव में पार्टी उससे बेहतर कर सकती है। इसीलिए आप विधानसभा चुनाव के लिए अलग रणनीति बना रही है। पार्टी की नजर उन 27 सीटों पर है, जिन पर पंजाब और दिल्ली सरकार का असर पड़ सकता है। पार्टी इसी सप्ताह लोकसभा वार चुनिंदा नेताओं के साथ बैठक करे चुनाव लड़ने वाले चेहरों पर मंथन करेगी।
पहली सूची में होंगे 12 से 15 नाम
आम आदमी पार्टी पहले उन विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी, जहां उसके पास मजबूत उम्मीदवार हैं। पार्टी की पहली सूची में 12 से 15 नाम हो सकते हैं। इनमें प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता, दूसरे बड़े नेता अनुराग ढांडा, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रजनीश जैन व पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष आयुष खटकड़ हो सकते हैं। दूसरी सूची में थोड़ा वक्त लग सकता है। पार्टी की नजर भाजपा-कांग्रेस के बागियों पर है। पार्टी भाजपा व कांग्रेस के 30 से ज्यादा नेताओं के संपर्क में है। ये नेता भाजपा व कांग्रेस में टिकट के लिए दावेदार हैं। हालांकि जजपा की भी यही रणनीति है।
यह पूछने पर कि भाजपा व कांग्रेस के बागी आप में आने के बजाय जजपा में भी जा सकते हैं, तो पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि जजपा की जो स्थिति 2019 में थी, वो आज नहीं है। जजपा डूबता जहाज है। आम आदमी पार्टी एक स्थापित पार्टी है। दिल्ली और पंजाब में पार्टी की सरकार है। लोकसभा चुनाव में भी पंजाब में आम आदमी पार्टी का ठीक-ठाक प्रदर्शन रहा है। ऐसे में लोगों की पहली प्राथमिकता आम आदमी पार्टी ही रहने वाली है और वे लोग भी चाहते हैं कि पार्टी थोड़ा इंतजार करने के बाद ही सूची जारी करे।
इन सीटों पर आप की नजर
पार्टी की फिलहाल नरवाना, टोहाना, फतेहाबाद, रतिया, कालांवली, डबवाली, रानियां, सिरसा, कलायत, गुहला, पेहोवा, लाडवा समेत अंबाला, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले की विधानसभा सीटों पर नजर है। इन सीटों पर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोकेगी और मजबूत रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी।
पंजाब व दिल्ली सरकार के विधायकों की लगेगी ड्यूटी
पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने थे, मगर अभी उनकी तारीखें तय नहीं हुई हैं। इसलिए पंजाब सीएम भगवंत मान और उनके मंत्री, सांसद, विधायक व चेयरमैनों की पूरी फौज हरियाणा में नजर आएगी। दिल्ली सरकार के मंत्री व विधायकों की ड्यूटी भी हरियाणा के चुनाव में लगेगी। पार्टी हर विधानसभा में तीन विधायक और एक चेयरमैन की ड्यूटी लगाएगी। हरियाणा के प्रभारी संदीप पाठक अगले तीन दिन लोकसभा वार सभी नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान का भी शेड्यूल तैयार किया जा रहा है। उधर, जेल से छूटकर आए मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और सुनीता केजरीवाल भी हरियाणा चुनाव की रणनीति का हिस्सा बनेंगे।
पार्टी के लिए हरियाणा चुनाव अहम
आप के लिए हरियाणा चुनाव अहम है इसलिए आम आदमी पार्टी पूरी कोशिश है कि वोट प्रतिशत के साथ कुछ सीटों पर भी कब्जा जमाए। प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी सभी 90 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार के साथ उतरेगी और चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा को लोग परख चुके हैं और ऊब भी चुके हैं। अब नए विकल्प की जरूरत है। आम आदमी पार्टी के अलावा कोई तीसरी पार्टी इससे बेहतर विकल्प नहीं हो सकती।
सीएम चेहरा और केजरीवाल का न होना कर सकता है परेशान
आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह है कि उनके पास कोई सीएम फेस नहीं है। दूसरी तरफ, पार्टी के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। हरियाणा में चुनाव की कमान अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने संभाली तो है, मगर उतना रिस्पांस नहीं मिला। इसलिए पार्टी पूरी कोशिश में जुटी है कि किसी तरह से केजरीवाल जेल से बाहर आ जाएं। केजरीवाल की जमानत पर अब 23 अगस्त को सुनवाई होनी है। पार्टी इस तारीख से काफी उम्मीद है। वहीं, पार्टी फिलहाल बिना सीएम चेहरे के उतरने की तैयारी में है।