नवदीप ने अपनी मां मुकेश रानी को अपना मेडल पहनाया। पैरालंपिक में भाला फेंक में गोल्ड मेडल लेकर लौटे नवदीप का जोरदार स्वागत किया गया।
पैरालंपिक में भाला फेंक में गोल्ड मेडल लेकर लौटे नवदीप का हरियाणा के पानीपत के इसराना में छह स्थानों पर जोरदार स्वागत किया गया। नवदीप को देखकर उनकी मां मुकेश रानी भावुक हो गईं। उन्होंने नवदीप को गले लगा लिया। वे बोलीं मेरे बेटे ने आज अपने पिता ही नहीं देश का सपना पूरा कर दिखाया है। जिसका लोग छोटे कद के चलते मजाक तक उड़ा लेते थे, वह आज सबकी आंखों का तारा बन गया है। नवदीप ने भी आगे आकर स्वर्ण पदक अपनी मां को पहना दिया।
नवदीप का पहला स्वागत सोनीपत के गुमड़ गांव में किया गया। वे इसके बाद पुगथला गांव स्थित यूनिक पब्लिक स्कूल में पहुंचे। यहां स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद चमराडा, मांडी, इसराना व शाहपुर होते हुए बुआना लाखू पहुंचे। नवदीप ने बताया कि पेरिस पैरालंपिक को लेकर उनमें पहले से ही उत्साह था।
यह उत्साह पदक जीतने में मददगार बना। मैंने भाला फेंका और एक उचित दूरी पर जाते ही अपने पदक को पक्का मान लिया। मैं रजत पदक में खुश था, लेकिन किस्मत ने देश की झोली में स्वर्ण पदक डाल दिया। वह स्वर्ण पदक लाकर देश के साथ ही अपने परिवार का सपना पूरा किया है। नानी होशियारी देवी दोहते का भव्य स्वागत देख खुश नजर आईं।
उन्होंने कहा कि मेरे दोहते नवदीप के गोल्ड मेडल लाने पर वह फूली नहीं समा रहीं। वह आज बहुत खुश हैं। नानी ने दोहते को खुशी से अपने सीने से लगा लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रदीप मलिक ने किया। मलिक खाप से दादा घासी राम के पौत्र मलिक राज मलिक व श्योराण खाप अध्यक्ष परमिंदर आर्य व एचसीएस विजय मलिक ने उनका स्वागत किया।