
इनेलो नेता व रानियांं से विधायक अर्जुन चौटाला ने राज्य में नशे के कारण प्रभावित युवाओं की संख्या कितनी है, सरकारी नशामुक्ति केंद्रों की जिलावार संख्या व इनकी क्षमता के साथ 5 वर्षों में नशामुक्त युवाओं की संख्या की जानकारी मांगी थी।
हरियाणा में बढ़ते नशे की भयानक तस्वीर विधानसभा के प्रश्नकाल में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव की ओर से रखे गए आंकड़ों में नजर आ रही है। पांच साल में नशे की लत में फंसे 1,84,068 युवा निजी और सरकारी नशामुक्ति केंद्र में इलाज कराने पहुंचे हैं। प्रदेश भर से आए इन युवाओं की उम्र 18 से 30 साल के बीच है। इस अवधि में 50,628 युवा नशे की लत से ठीक हुए हैं। यानी सिर्फ 27 फीसदी युवा नशे की लत से दूर हो सके।
इनेलो नेता व रानियांं से विधायक अर्जुन चौटाला ने राज्य में नशे के कारण प्रभावित युवाओं की संख्या कितनी है, सरकारी नशामुक्ति केंद्रों की जिलावार संख्या व इनकी क्षमता के साथ 5 वर्षों में नशामुक्त युवाओं की संख्या की जानकारी मांगी थी। साथ ही पूछा था कि सरकार ने क्या कदम उठाए। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2024 से 18 मार्च 2025 तक 50,207 युवा नशामुक्ति केंद्र की ओपीडी व आईपीडी में पहुंचे हैं। राज्य में कुल 30 सरकारी नशामुक्ति केंद्रों में सिर्फ 460 बेड की क्षमता है।
जल्द खुलेंगे 46 नए नशामुक्ति केंद्र
विधायक अर्जुन चौटाला ने सदन में पूछा कि प्रदेश में नशामुक्ति केंद्रों को चलाने का प्रोटोकॉल क्या है? किस आधार पर नशे की लत से पीड़ित को मुक्त होना माना जाता है, क्योंकि कई बार सामने आता है कि युवक नशामुक्ति सेंटर से बाहर आने के बाद फॉलोअप नहीं होने के कारण दोबारा नशे की चपेट में फंस गया। वहीं, गांवों को नशामुक्त घोषित करने का पैमाना क्या है, ग्रामवासी खुद करते हैं या सरकार दबाव बनाकर नशामुक्त गांव घोषित कराती है।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से नशामुक्ति केंद्रों का दौरा करने की मांग रखी। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में 46 नए नशामुक्ति केंद्र खुलने जा रहे हैं। नशामुक्ति केंद्रों का नोडल ऑफिसर समाज कल्याण विभाग है। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ सुविधाएं प्रदान करवाता है। उन्होंने कहा कि नशामुक्त होकर जाने वालों में बहुत से परिवार जानकारी नहीं देते कि पीड़ित दोबारा नशे की लत में फंस गया।
मिलकर काम करने पर ही मिलेगी कामयाबी : अरविंद शर्मा
इस दौरान मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि यह बहुत ही चिंता का विषय है। गोहाना में चिंता का विषय कार्यक्रम शुरू करके हमने लोगों से जानने की कोशिश की कि नशा कहां से आ रहा है। इस पर सरकार और प्रशासन काम कर रहा है, लेकिन सभी के मिलकर काम करने पर ही कामयाबी मिलेगी।