इस समय कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथों में सौंप रखी है। लोकसभा चुनावों में भी हुड्डा खेमा ही हावी रहा था और चार सांसद हुड्डा के खेमे से हैं। लोकसभा में पांच सीटें जीतने के बाद कांग्रेस नेताओं को माहौल अपने पक्ष में लग रहा है और सभी बड़े नेता विधानसभा चुनावों से पहले हाईकमान में अपनी मजबूती बनाने की कोशिश में हैं।
हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर रार बढ़ती जा रही है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा की कांग्रेस संदेश पदयात्रा के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला भी प्रदेश में एक्टिव मोड में आ गए हैं।
सुरजेवाला अब प्रदेशभर में परिर्वतन रैलियां करने की तैयारी में हैं। पहली रैली 11 अगस्त को पानीपत में, दूसरी रैली 17 अगस्त को नीलोखेड़ी में और 18 अगस्त को जींद में होगी। इन तीन रैलियों के माध्यम से सुरजेवाला पानीपत, करनाल और जींद जिलों को कवर करेंगे, जिसके बाद नई रैलियों का शेड्यूल घोषित किया जाएगा।
हरियाणा में पहले से ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम चल रहा है। रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी प्रदेशभर में यात्रा निकाल रहे हैं। हुड्डा, सैलजा के बाद अब सुरजेवाला भी फील्ड में उतर रहे हैं और हाईकमान के साथ-साथ हरियाणा के अन्य कांग्रेसी नेताओं को अपनी ताकत का अहसास कराने की तैयारी में हैं।
सैलजा की यात्रा से दूर रहे हैं सुरजेवाला
खास बात ये है कि अभी तक कुमारी सैलजा की पदयात्रा से सुरजेवाला ने दूरी बनाए रखी है। जब यात्रा शुरू हुई थी तो दावा किया गया था कि चौधरी बीरेंद्र सिंह और सुरजेवाला दोनों मौजूद रहेंगे, लेकिन अकेले बीरेंद्र सिंह ही दिखे। अब तक की यात्रा के अन्य कार्यक्रमों से भी सुरजेवाला दूर रहे हैं। क्योंकि खुद सुरजेवाला सीएम पद के दावेदार हैं। इसलिए उन्होंने अपनी अलग राह बनाते हुए प्रदेशभर में अपने समर्थक कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश भरने के लिए रैलियां करने का ऐलान किया है। पहले कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी एक गुट में थे, लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में जाने का बाद यह गुट टूट गया।