हरियाणा: कर्ण चौटाला को जेजेपी ने दिया मानहानि का नोटिस

1990 के चर्चित महम कांड को लेकर इनेलो नेता कर्ण चौटाला के हालिया बयान ने हरियाणा की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है। कर्ण चौटाला ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया था कि उस दौरान दर्ज एफआईआर में डॉ. अजय सिंह चौटाला का नाम भी शामिल था। इस बयान के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने कड़ा रुख अपनाते हुए कर्ण चौटाला को कानूनी नोटिस भेजा है।

जेजेपी के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट मनदीप बिश्नोई की ओर से भेजे गए इस लीगल नोटिस में कर्ण चौटाला पर डॉ. अजय सिंह चौटाला की छवि धूमिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि इनेलो नेता ने तथ्यों से परे और झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह किया है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रदेश के लाखों नागरिकों की भावनाएं आहत हुई हैं।

नोटिस के अनुसार, जेजेपी ने कर्ण चौटाला से 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और संबंधित वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफार्म से हटाने की मांग की है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

एडवोकेट बिश्नोई ने स्पष्ट किया कि महम कांड से जुड़ी एफआईआर संख्या 76, दिनांक 01 मार्च 1990, थाना महम, में शिकायतकर्ता धर्मपाल पुत्र अमीलाल जाट निवासी मदीना, जिला रोहतक ने केवल अभय सिंह चौटाला को नामजद किया था। उस एफआईआर में डॉ. अजय सिंह चौटाला का कोई नाम नहीं था। उन्होंने बताया कि घटना के दिन डॉ. अजय सिंह चौटाला महम में नहीं बल्कि राजस्थान के दातारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मौजूद थे।

मनदीप बिश्नोई ने कहा कि प्रदेश की जनता डॉ. अजय सिंह चौटाला के मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव से भली-भांति परिचित है और उनकी छवि एक साफ-सुथरे और सुलझे हुए राजनेता की रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इनेलो नेता कर्ण चौटाला ने राजनीतिक द्वेषवश झूठे बयान देकर जेजेपी और उसके नेतृत्व की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।

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