‘हम इस्लामी फौज, हमारा काम जिहाद’, बोले पाकिस्तानी DG ISPR अहमद शरीफ, वायरल वीडियो

पाकिस्तान के DG ISPR अहमद शरीफ ने ऐसा बयान दिया है, जो पाकिस्तान की कट्टरता को दिखाता है. इससे पहले खुलासा हो चुका है कि उनके पिता सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के अल कायदा से खास रिश्ते थे. भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हो चुकी है. 4 दिन तक चले सैन्य टकराव के बाद ये फैसला लिया गया. हालांकि, इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तान के DG ISPR  अहमद शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना एक इस्लामी सेना है. इनका काम जिहाद करना है. ये उन्हें प्रेरित करता है. बता दें कि अहमद शरीफ ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उनसे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया कि हमारी सेना इस्लामिक शब्दों का इस्तेमाल कर रही है, जो भारतीय मीडिया समझ भी नहीं पा रही है. जर्नलिस्ट में कुछ लाइनें भी बोली, जो उर्दू में थी. ये वीडियो पाकिस्तान अन्टोल्ड ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया है.ये पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान के DG ISPR अहमद शरीफ ने ऐसा बयान दिया है, जो पाकिस्तान की कट्टरता को दिखाता है. इससे पहले उन्होंने दावा किया है कि उनके पिता सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के खूंखार आतंकियों के साथ खास रिश्ते हैं. सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद का नाम पाकिस्तान की वैज्ञानिक बिरादरी में एक समय प्रतिष्ठा के साथ लिया जाता था. वे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा चुके हैं. लेकिन उनकी कट्टरपंथ की ओर झुकाव ने उन्हें एक विवादास्पद और खतरनाक शख्सियत बना दिया .

भारत ने पाकिस्तान के दावे को किया खारिज
हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई. इस अभियान की सफलता के बाद, पाकिस्तान की तरफ से DG ISPR मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर नागरिक ठिकानों, मस्जिदों और नीलम-झेलम पनबिजली परियोजना पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने 26 नागरिकों की मौत का भी दावा किया. लेकिन भारत ने इन सभी आरोपों को PIB, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और स्वतंत्र फैक्ट-चेकर्स के माध्यम से स्पष्ट सबूतों के साथ खारिज कर दिया. भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य केवल आतंकी शिविर, हथियार डिपो और प्रशिक्षण केंद्र थे. किसी भी नागरिक या धार्मिक स्थल को निशाना नहीं बनाया गया.

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