
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कही एक लाइन और गतिरोध खत्म हो गया. विपक्ष के नेताओं से मुख्यमंत्री बोले. कहा- आप कोई भी माफी मत मांगो. मैं खुद पूरे सदन से सबकी तरफ से माफी मांग लेता हूं. इतना सुनते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी पिघल गए. इसके बाद गतिरोध खत्म होने में जरा भी देर नहीं लगी
नेता प्रतिपक्ष भी सीएम के चैंबर से मुस्कुराते हुए निकले. खुद सीएम भजनलाल स्पीकर वासुदेव देवनानी के पास गए. स्पीकर से बड़ा दिल दिखाने को कहा. सीएम देवनानी के चैंबर से लौटे और जोगाराम पटेल को बुलाया. इस बीच बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से भी सीएम की बात हुई
सीएम की पहल पर सबका तालमेल बना और शुक्रवार 21 फरवरी को 11:34 बजे से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को धन्यवाद देना चाहूंगा. जो गतिरोध सदन के अंदर था ज्यादा बड़ी बात नहीं थी. सदन में कई विषय पर वाद विवाद हो जाता है
वह बात इतना खींचेगी यह सदन बाधित हो, हम वह लोग हैं जो राजस्थान की जनता को क्या दिखाना चाहते हैं, क्या करना चाहते हैं. राजस्थान में चाहे पक्ष हो या प्रतिपक्ष में हो जनता को बहुत बड़ी उम्मीद और आशा है. उनकी आशा और उम्मीद पर थोड़ा सा विचार करेंगे. हम अपने लिए नहीं हैं. हम अपने ईगो के लिए नहीं हैं, हम राजस्थान के 8 करोड़ जनता के हितों के लिए हैं
किसी सदस्य के मुंह से गलत बात निकलेगी, तो उसको भी नींद नहीं आएगी. कोई भी बात छोटी होती है, लेकिन बढ़ते–बढ़ते बहुत बड़ी हो जाती है, लेकिन उसको खत्म करना ही होता है. हम कोई भी वक्तव्य कहें वो जनता की ओर सदस्यों के बीच में नहीं खुद के लिए भी रातें काली करने वाला होता है
किसी भी सदस्य के मुंह से गलत बात निकलेगी, तो उसे भी नींद नहीं आएगी. हमने सदन में जो बात कही है वह उसके अनुरूप नहीं है. हम कुछ भी कहें, अपनी बात रखें, सोच समझ कर विचार करके रखें. छोटी सी बात कोई भी हो धीरे-धीरे बढ़कर बड़ी हो जाती है. आखिरकार तो उसे खत्म करना ही है
अध्यक्ष के आसन पर आपसे पहले नरोत्तम लाल जोशी, रामकृष्ण हीरालाल देवपुरा, पूनम चंद बिश्नोई, शांतिलाल चपालोत, हरिशंकर भाभड़ा, परसराम मदेरणा, दीपेंद्र सिंह शहीद सभी अध्यक्ष कोई भी हो सब सम्माननीय हैं. सदन को चलाने के लिए हमारा अध्यक्ष प्रमुख होता है