
पाकिस्तान ने दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसने भारत के राफेल फाइटर जेट को मार गिराया. अमेरिका के जाने-माने लेखक रयान मैकबेथ ने शहबाज शरीफ के दावों की पोल खोल दी है.ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान जहां एक ओर सीजफायर की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसने सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर एक नया मोर्चा खोल दिया है, जो है इंफॉर्मेशन वॉर. पाकिस्तान यह दावा कर रहा है कि भारत के कई राफेल और अन्य लड़ाकू विमान मार गिराए गए हैं, जबकि अब तक कोई ठोस सबूत या जमीनी प्रमाण सामने नहीं आए हैं.
अमेरिका के जाने-माने खुफिया विशेषज्ञ और लेखक रयान मैकबेथ का कहना है कि पाकिस्तान झूठ को फैलाने के लिए हमास और चीन की स्टाइल में काम कर रहा है. वो सोशल मीडिया, सेलफोन वीडियो और फर्जी इमेज का इस्तेमाल कर फेक नैरेटिव गढ़ रहा है. उन्होंने मिग-21 के मलबे की तस्वीर को उदाहरण के तौर पर बताया, जिसे भारत के राफेल के मलबे की तरह प्रचारित किया गया, जबकि भारत अब मिग-21 का इस्तेमाल सीमित रूप से करता है. इससे साफ है कि पाकिस्तान फेक इमेज और सोशल इंजीनियरिंग से अपनी हार को छिपाने की कोशिश कर रहा है.
भारत में कुछ भी छिपा रहना असंभव: मैकबेथ
रयान मैकबेथ ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है. यहां हर सैन्य संसाधन का सार्वजनिक लेखा-जोखा होता है. अगर भारत ने कोई विमान खोया होता तो वह बजट दस्तावेजों, संसदीय रिपोर्ट या मीडिया जांच के माध्यम से सामने आ ही जाता. उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत ने कोई राफेल या सुखोई खोया होता तो उनके रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स में कमी आने पर वह फैक्ट सार्वजनिक हो जाता. भारत में कुछ भी छिपा रहना असंभव है.
फर्जी नैरेटिव से दबाव बनाना, PAK की रणनीति: रयान मैकबेथ
पाकिस्तान की सूचना रणनीति में दो मुख्य उद्देश्य स्पष्ट हैं.अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहानुभूति बटोरना, ताकि भारत को ‘आक्रामक’ दिखाया जा सके. अपने नागरिकों और सेना का मनोबल बनाए रखना ताकि ऑपरेशन सिंदूर की मारक क्षमता को नकारा जा सके. इन दोनों उद्देश्यों के लिए, पाकिस्तान AAMPR (Air Asset Management and Protection Radar) और फर्जी गिराए गए विमानों की कहानियों का सहारा ले रहा है.
भारत को कैसे जवाब देना चाहिए?
रयान मैकबेथ और अन्य विशेषज्ञों की राय स्पष्ट है कि भारत को 21वीं सदी के इनफॉरमेशन वॉर युद्ध में भी उतनी ही तत्परता से लड़ना होगा जितनी अग्रिम मोर्चे पर. भारत को फर्जी वीडियो और अफवाहों का तुरंत खंडन सरकारी हैंडल से किया जाए. डिजिटल बुलेटिन और ऑपरेशन सिंदूर की प्रामाणिक फुटेज/फैक्ट सार्वजनिक किए जाएं. भारत विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को जमीनी स्थिति दिखाने के लिए आमंत्रित करे.