सूखे बोरवेल में गिरा मासूम, ग्रामीणों ने जेसीबी से खुदाई कर सुरक्षित बाहर निकाला

चित्तौड़गढ़: जिले के मेवदा गांव में आज एक सात वर्षीय बालक सूखे बोरवेल में गिर गया। बच्चे की मां पास ही मौजूद थी, उसकी चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और जेसीबी से खुदाई शुरू कर दी। कुछ देर बाद एक युवक ने बोरवेल में हाथ डालकर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

जिले के कपासन उपखंड के मेवदा गांव में गुरुवार को एक सात वर्षीय बालक सूखे बोरवेल में गिर गया। इस दौरान उसकी मां पास ही मौजूद थी। जैसे ही उसने अपने बेटे को बोरवेल में गिरते देखा, उसके होश उड़ गए। मां की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस-प्रशासन को सूचना दी। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर जेसीबी से खुदाई शुरू कर दी। कुछ देर बाद एक युवक ने बोरवेल में हाथ डालकर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बालक को तुरंत कपासन चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया।

गुरुवार को कपासन उपखंड के मेवदा गांव में रहने वाले बद्रीलाल जटिया की पत्नी अपने सात वर्षीय पुत्र राहुल को लेकर खेत पर चने की फसल काटने गई थी। खेत के पास ही पप्पूलाल जाट के खेत में एक सूखा बोरवेल था, जिसे ढंकने के लिए पहले पत्थर रखा गया था। हाल ही में हुई जुताई के दौरान यह पत्थर हट गया था। खेलते-खेलते राहुल वहां पहुंच गया और बोरवेल में गिर गया।

घटना के वक्त राहुल की मां करीब 20-25 मीटर की दूरी पर थी। उसने बेटे की आवाज सुनी और दौड़कर पास पहुंची। बच्चे को बोरवेल में देखकर उसने शोर मचाया, जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने जेसीबी मंगवाई और बोरवेल के आसपास खुदाई शुरू कर दी। कुछ देर बाद खुदाई का मुंह थोड़ा चौड़ा किया गया। इसके बाद एक ग्रामीण ने बोरवेल में हाथ डालकर राहुल को बाहर खींच लिया।

इस दौरान कपासन थानाधिकारी रतन सिंह, हेड कांस्टेबल हरलाल मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। राहुल को कपासन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके स्वास्थ्य की जांच की और उसे पूरी तरह सुरक्षित बताया। पुलिस जांच में सामने आया कि जिस बोरवेल में बच्चा गिरा, वह पहले से सूखा था और इसे पत्थर से ढंक दिया गया था। खेत की हाल ही में हुई जुताई के दौरान पत्थर हट गया, जिससे यह दुर्घटना हुई।

बच्चे के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर आलोक रंजन व पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी को सूचित किया गया। प्रशासन ने समन्वय कर एनडीआरएफ टीम को बुलाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन ग्रामीणों की तत्परता से बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया गया।

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