
G-7 summit: ये मंच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की तकनीकी और सैन्य क्षमता के बारे में दुनिया को बताने का मौका होगा. इसके अलावा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मुद्दे पर भी वैश्विक नेताओं की बातचीत हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस दौरे पर हैं, जहां से वो कनानास्किस में आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होंगे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी का ये पहला विदेशी दौरा है, जहां वो दुनिया के बड़े नेताओं संग बातचीत करेंगे.
जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों कनाडा पहुंच चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रंप से हो सकती है पीएम मोदी की मुलाकात
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बुलावे पर पीएम मोदी 16-17 जून को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस दौरान उनकी डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात हो सकती है. हालांकि विदेश मंत्रालय की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को सीजफायर कराने का क्रेडिट दिया था. वहीं, भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष के दखल को खारिज कर दिया था.
हथियारों और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मुद्दे पर हो सकती है बात
ऐसे में जी-7 जैसे वैश्विक मंच पर पीएम मोदी दुनिया के सामने सीजफायर को लेकर भारत का पक्ष रख सकते हैं. इसके अलावा पीएम मोदी मुलाकात के दौरान ट्रंप के सामने भारत का रुख साफ कर सकते हैं, क्योंकि भारत कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं करता है. भारत ने साफ कर दिया है कि कश्मीर बातचीत का मुद्दा ही नहीं है और अब पाकिस्तान से बात होगी तो सिर्फ पीओके के मुद्दे पर होगी.
जी-7 शिखर सम्मेलन का मंच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की तकनीकी और सैन्य क्षमता के बारे में दुनिया को बताने का मौका होगा. इसके अलावा भविष्य में हथियारों और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मुद्दे पर भी पीएम मोदी की वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत हो सकती है.