
मध्यप्रदेश में युवाओं को वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा, वैज्ञानिक सोच और नवाचार से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने “ज्ञान महाकुंभ” के वार्षिक आयोजन की घोषणा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेशभर के युवाओं को मार्गदर्शन देने का सशक्त मंच बनेगा। मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा की समीक्षा बैठक में शिक्षा व्यवस्था को रोजगारपरक, शोधोन्मुखी और नवाचार आधारित बनाने पर विशेष जोर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा की समीक्षा बैठक में प्रदेश में “ज्ञान महाकुंभ” के आयोजन की घोषणा की। इसके अंतर्गत प्रदेशभर के युवाओं को मार्गदर्शन देने हेतु एक विशाल युवा कुंभ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में विद्यार्थियों की समझ को बेहतर बनाने के लिए साल में कम से कम एक बार वैज्ञानिकों को बुलाकर उनका संवाद विद्यार्थियों से कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर संभाग में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराई जाए ताकि युवा वैश्विक नवाचारों से अवगत रह सकें। उन्होंने सभी शासकीय महाविद्यालयों की स्टेट लेवल ग्रेडिंग करने और तीन श्रेणियों – सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालय, प्राचार्य एवं शिक्षक को पुरस्कृत करने की भी बात कही। डॉ. यादव ने बैठक में रोजगारपरक शिक्षा एवं शोध कार्यों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए निर्देश दिया कि सभी महाविद्यालयों में शोध केंद्र स्थापित किए जाएं। जनजातीय क्षेत्रों में नए महाविद्यालय खोले जाएं ताकि युवाओं को निकटवर्ती क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का अवसर मिले। उन्होंने गर्व से बताया कि प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात (GER) 28.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रम को अधिक से अधिक महाविद्यालयों में शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि और उससे जुड़े उद्योगों में युवाओं की रुचि बढ़े, इसके लिए मध्यप्रदेश को मॉडल स्टेट बनाया जाए। वर्तमान में प्रदेश के 55 जिलों में “प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस” चल रहे हैं, जिनमें रोजगार आधारित पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालयों में दो शिफ्ट में पढ़ाई और सेमेस्टर सिस्टम जारी रखने के निर्देश दिए। साथ ही, विद्यार्थियों की उपस्थिति को क्रेडिट स्कोर से जोड़ने की पहल को सराहा। उन्होंने सभी शासकीय विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराने के निर्देश दिए।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’ लक्ष्य के अंतर्गत विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की शिक्षा देने और नवाचार, तकनीक व उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन और आयुक्त निशांत वरवड़े सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।