सरपंच की आत्महत्या की कोशिश के बाद दो सरकारी अधिकारियों को गलत तरीके से रोका

एक अधिकारी ने कहा, ‘घर पहुंचने पर उन्होंने उसे अंदर से बंद पाया। आत्महत्या के प्रयास के संदेह में उन्होंने दरवाजा तोड़कर सरपंच और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर निकाला, जिन्होंने कथित तौर पर जहर खा लिया था। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की।’

नवी मुंबई में एक सामूहिक पंचायत की महिला सरपंच और उसके परिवार ने कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की। इसके बाद कई ग्रामीणों ने विरोध में दो सरकारी अधिकारियों को बंधक बना लिया। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि घटना मंगलवार को हुई। पनवेल तालुका पुलिस ने नवी मुंबई के चिकले गांव के 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इससे पहले 26 जुलाई को चिकले में सामूहिक ग्राम पंचायत की सरपंच दीपाली टंडेल ने स्थानीय अधिकारियों को एक पत्र सौंपकर भूमि संबंधी एक मामले में कथित निष्क्रियता पर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने बताया कि अपने पत्र में उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वह और उनका परिवार घर में बंद होकर जहर खा लेंगे।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले का संज्ञान लेते हुए ग्राम पंचायत के ग्रामीण विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी मंगलवार को सरपंच को समझाने के लिए उनके घर गए। अधिकारी ने कहा, ‘घर पहुंचने पर उन्होंने उसे अंदर से बंद पाया। आत्महत्या के प्रयास के संदेह में उन्होंने दरवाजा तोड़कर सरपंच और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर निकाला, जिन्होंने कथित तौर पर जहर खा लिया था। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की।’

अधिकारियों की जीप को रोका और गाड़ी के सामने बैठ गए
उन्होंने बताया कि जब परिवार को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, तब कुछ ग्रामीणों ने दो अधिकारियों को निशाना बना लिया। ग्रामीणों ने एक जमावड़ा लगाया, अधिकारियों की जीप को रोका और गाड़ी के सामने बैठ गए, जिससे उन्हें लगभग एक घंटे तक रोके रखा गया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सरपंच की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की।

मामला दर्ज
अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण विकास अधिकारी की शिकायत के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2) (गैरकानूनी जमावड़ा), 126(2) (गलत तरीके से रोकना) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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