सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी निरंतर मुखर हैं। वे लखनऊ और प्रयागराज में सामाजिक न्याय को लेकर सम्मेलन कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान इसका फायदा भी पार्टी को मिला।
यूपी की जमीं पर संविधान बचाने और सामाजिक न्याय को लेकर चल रही मुहिम में अब दक्षिण का भी समर्थन मिलेगा। यही वजह है कि 29 सितंबर को लखनऊ में होने वाले सामाजिक न्याय सम्मेलन में तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि स्टालिन बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। यह सम्मेलन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल की जयंती पर हो रहा है।
सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी निरंतर मुखर हैं। वे लखनऊ और प्रयागराज में सामाजिक न्याय को लेकर सम्मेलन कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान इसका फायदा भी पार्टी को मिला। इससे कांग्रेस को एक से बढ़कर छह लोकसभा सीटें मिलीं। कांग्रेस ने जिला और मंडलवार भी सम्मेलन शुरू किए हैं। इसी कड़ी में 29 सितंबर को सामाजिक चेतना फाउंडेशन की ओर से सामाजिक न्याय सम्मेलन किया जा रहा है। इसे राहुल गांधी के एजेंडे को आगे बढ़ाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि स्टालिन भी इंडिया गठबंधन के साथ हैं।
सम्मेलन में स्टालिन के साथ राज्यसभा सदस्य पी विल्सन भी शामिल होंगे। दक्षिण के ये दोनों नेता सामाजिक न्याय में संघर्षशील रहे हैं। स्टालिन जहां संघ और धार्मिक मुद्दों को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं, वहीं उनकी पहचान सामाजिक न्याय के लिए संघर्षशील नेता के रूप में है। अभिनेता से नेता बने उदयनिधि ने तमिलनाडु में एक नई पहचान कायम की है। ऐसे में उनका यूपी आना सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है। इसे दक्षिण के नेताओं का यूपी में चल रही सियासी मुहिम को समर्थन देने के तौर पर देखा जा रहा है।
जाति जनगणना के महत्व पर होगी चर्चा
सामाजिक चेतना फाउंडेशन न्याय के संस्थापक और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह यादव कहते हैं कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से सामाजिक न्याय से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि 29 को कैसरबाग स्थित गांधी भवन सभागार में ये सम्मेलन होगा। इसमें दक्षिण के इन दोनों नेताओं के अलावा डॉ. अला वेंकटेश्वर लू, प्रो. सूरज मंडल, प्रो. रतन लाल और डॉ. अनिल जयसिंह भी संबोधित करेंगे। सम्मेलन में मंडल कमीशन और जाति जनगणना के महत्व पर भी चर्चा होगी।