
उपजिलाधारी विकास चंद्र ने शुक्रवार को संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों में से शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप के अलावा कल्कि मंदिर का निरीक्षण कर योजनाओं का खाका तैयार कराया.
उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल को धार्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर तैयार करने के लिए कल्कि मंदिर सहित विभिन्न प्राचीन धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए सात करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि कुल मंजूर राशि में से तीन करोड़ रुपये प्राचीन कल्कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए विशेष रूप से आवंटित किए गये हैं. उन्होंने बताया कि कल्कि धाम और शंख माधव तीर्थ सहित कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करने की योजना तैयार की जा रही है.
कल्कि मंदिर के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे
संभल के उपजिलाधारी विकास चंद्र ने शुक्रवार को संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों में से शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप के अलावा कल्कि मंदिर का निरीक्षण कर योजनाओं का खाका तैयार कराया. उन्होंने बताया कि यह सिर्फ धार्मिक विकास नहीं बल्कि शहर की गरिमा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक ठोस पहल है. विकास चंद्र ने बताया कि भगवान कल्कि मंदिर में भव्य परिक्रमा पथ, धार्मिक पेंटिंग, सुंदर बागीचा, श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था और भगवान कल्कि का भव्य घोड़ा स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत कल्कि मंदिर के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
प्रशासन ने 46 वर्ष से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के खुलवाये थे कपाट
संभल में पिछले वर्ष 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुईं हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने 14 दिसंबर को 46 वर्ष से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुलवाये थे. इसके साथ ही संभल के विलुप्त हो चुके तमाम तीर्थ स्थल और कूपों को खोज निकालने की कार्रवाई की गई थी. संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों के अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित आठ स्मारकों को भी विकसित करने की दिशा में प्रशासन ने काम शुरू किया है.