
महाराष्ट्र की सियासी हल्कों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की संभावित गठबंधन और फिर से साथ आने की अटकलों को फिर से हवा मिला है। शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र सामना अखबार में दोनों नेताओं की पुरानी तस्वीर पहले पन्ने पर छपी है। इसके साथ ही मराठी में हेडलाइन लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद है, “महाराष्ट्र के मन में जो है, वही होगा, चर्चा शुरू हो गई है… बेताब हैं।”
पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि नगर निगम चुनाव से पहले दोनों भाई फिर साथ आएंगे। बीते दिन उद्धव ठाकरे ने मनसे के साथ शिवसेना (UBT) के गठबंधन की अटकलों पर कहा, “महाराष्ट्र की जनता के मन में जो होगा, वही होगा। मैंने आपको एक ही वाक्य में बता दिया। हम इस संबंध में सभी बारीकियों की जांच कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं आपको सिर्फ संदेश नहीं, बल्कि लाइव समाचार दूंगा। मेरे शिवसैनिकों के मन में कोई भ्रम नहीं है। इसलिए, संदेश देने की बजाय, हम जो समाचार देना चाहते हैं, वह देंगे।”
ऐसे कयासों की शुरुआत कब हुई?
अप्रैल में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर के यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में इस बारे में इशारा किया था। उन्होंने तब कहा था, “हमारे विवाद और झगड़े बहुत छोटे हैं और किसी भी बड़े मुद्दे के लिए छोटे हैं, महाराष्ट्र बहुत बड़ा है।”
“इस महाराष्ट्र के अस्तित्व के लिए, मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए, ये झगड़े और विवाद बहुत मामूली हैं। मुझे नहीं लगता कि इसके कारण एक साथ आना और साथ रहना बहुत मुश्किल है। लेकिन यह इच्छाशक्ति का मामला है।”
राज ठाकरे, मनसे
राज ठाकरे के इस बयान और हाल ही में चल रही अटकलों के बाद उद्धव ठाकरे के बयान को देखकर कयासों का सिलसिला और तेज हो गया है।