
स्वस्थ रहने के लिए रोज व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इसमें कई तरह के व्यायाम शामिल हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि व्यायाम कैंसर से लड़ने में भी सहायक साबित हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिरोध प्रशिक्षण (आरटी) और उच्च तीव्रता अंतराल प्रशिक्षण (एचआइआइटी) दोनों ने कैंसर से लड़ने में मदद के लिए पर्याप्त स्तर के मायोकाइन का उत्पादन किया। जबकि आरटी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए वजन का उपयोग करता है।
HIIT और वेट ट्रेनिंग का कमाल
एचआइआइटी में संक्षिप्त और तीव्र व्यायाम के झटके होते हैं, जिनके बाद संक्षिप्त पुनर्प्राप्ति अवधि होती है। इनमें स्प्रिंटिंग, जंप स्क्वाट, बर्पीज, माउंटेन क्लाइंबर्स आदि शामिल हैं। इससे हृदय संबंधी फिटनेस और सहनशक्ति में सुधार होता है। ये व्यायाम उपचार के दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं। कैंसर मेटास्टेसिस के खतरे को घटा सकते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। दूसरी ओर से प्रतिरोध प्रशिक्षण में डंबल, रेजिस्टेंस बैंड, अपने शरीर का वजन आदि शामिल है। इससे मसल्स बनाने में सहायता मिलती है। हालांकि, किसी भी व्यायाम कार्यक्रम को शुरू करने से पहले डाक्टर या योग्य फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
25% तक कम हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
एडिथ कोवान विश्वविद्यालय (ईसीयू) के शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर से बचे लोगों ने जो प्रतिरोध प्रशिक्षण या एचआइआइटी में से किसी एक का पालन किया। उच्च तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम कैंसर मेटास्टेसिस के जोखिम को कम कर सकता है, क्योंकि यह आंतरिक अंगों द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं के लिए ऊर्जा कम हो जाती है। उच्च तीव्रता वाले व्यायाम शरीर में साइटोकिन्स नामक प्रतिरक्षा नियामक अणुओं को बढ़ाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को दबाने और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को क्रमशः 22 प्रतिशत व 25 प्रतिशत तक कम किया। फ्रांसेस्को बेटारिगा ने कहा कि यह सुझाव देता है कि दोनों प्रकार के व्यायाम कैंसर कोशिका वृद्धि को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।