विवाद के बाद पहली बार मालदीव पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर शुक्रवार शाम मालदीव पहुंचे। बता दें कि जयशंकर 11 अगस्त तक मालदीव में रहेंगे। शनिवार को उनकी मुलाकात राष्ट्रपति मुइज्जू से हुई। दोनों नेताओं ने लोगों के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। जयशंकर ने बैठक की एक तस्वीर एक्स पर भी शेयर की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को यहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने लोगों के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। साथ ही दोनों देशों के बीच जल एवं स्वच्छता सहित कई परियोजनाओं का समझौता हुए।

बता दें कि जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के पिछले वर्ष पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की ओर से जयशंकर की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। इससे पहले जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत दौरा किया था।

जयशंकर ने शेयर की तस्वीर
जयशंकर ने बैठक की तस्वीर के साथ एक्स पर पोस्ट किया और लिखा ‘राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर गौरवान्वित महसूस किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं उन तक पहुंचाईं। अपने लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’

मालदीव के रक्षा मंत्री से भी हुई मुलाकात
इससे पहले, जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून से मुलाकात की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग और ‘साझा हित’ पर चर्चा की। मुइज़ू, अपने चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने नवंबर 2023 में शीर्ष पद का कार्यभार संभाला था। अपनी शपथ के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों पर तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी।

जयशंकर की पिछली यात्रा जनवरी 2023 में हुई
जून 2024 में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के बाद से जयशंकर की यह पहली आधिकारिक मालदीव यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा जनवरी 2023 में हुई थी। जयशंकर की 11 अगस्त तक की तीन दिवसीय यात्रा उनके समकक्ष, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के निमंत्रण पर हो रही है।

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