हरियाणा की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट की मेडल की लड़ाई को लेकर आज फैसला आएगा। पेरिस ओलंपिक में ओवरवेट के कारण अयोग्य करार दी गई विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इस पर आज फैसला आएगा। इससे पहले 10 अगस्त यानी शनिवार को खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) ने फैसला 13 अगस्त को सुनाने की बात कही थी।
बता दें कि विनेश ने CAS में अपील दायर करके मांग की थी कि 50 KG वेट कैटेगरी में उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। इसके बाद उनकी ये अपील स्वीकार कर ली गई थी। ओलंपिक से डिसक्वालीफाई होने पर विनेश फोगाट संन्यास ले चुकीं हैं। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया था।
क्या है CAS
CAS दुनिया भर में खेलों की सेवा करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है। CAS यानि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट एक स्वतंत्र संस्था है। ये खेल जगत में हुए किसी भी विवाद के निपटारे के लिए काम करती है। खिलाड़ी, कोच किसी भी तरह की फैसले पर आपत्ति या और भी किसी तरह के विवाद होने पर इस कोर्ट में ही अपील कर सकते है। वहीं CAS में 87 देशों के लगभग 300 Arbitrators हैं, जिन्हें खेल कानून के विशेषज्ञ ज्ञान के लिए चुना गया है। बता दें कि CAS में हर साल लगभग 300 मामले दर्ज किए जाते हैं।
IOA ने झाड़ा पल्ला
तो वहीं इंडियन ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्षा पीटी उषा ने विनेश मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वेट मैनेजमेंट खिलाडियों एवं कोच की जिम्मेदारी होती है। न कि इंडियन ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त डॉक्टर व उसकी टीम की। डॉ. उषा ने कहा कि पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रत्येक भारतीय एथलीट के पास उसकी स्वयं की कोच व फिजियो की टीम है। आईओए के अनुसार, ये टीमें कई वर्षों से एथलीटों के साथ काम कर रही हैं।
ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक तीन मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया।