
सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोमवार को लद्दाख में युद्धाभ्यास कर सैन्य तैयारियों को परखा। सेना के जवानों ने अपने कौशल और तकनीक का अद्भुत प्रदर्शन किया। इस अभ्यास का मकसद आपसी तालमेल को बढ़ाना और युद्ध की नई तकनीकों को अजमाना था।
सेना ने वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में दुर्गम और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में अग्निशक्ति अभ्यास किया। तोपों से गोले बरसाकर मारक क्षमता को जांचा गया। अभ्यास में सभी हथियारों को शामिल कर इनका प्रदर्शन किया गया। सेना ने समन्वित हवाई युद्धाभ्यास और मजबूत मानवरहित हवाई प्रणाली ग्रिड को एकीकृत किया। इस दौरान सेना का फोकस संयुक्त अभियानों, वास्तविक समय समन्वय और प्रौद्योगिकी संचालित मारक क्षमता पर रहा। इस अभ्यास ने यथार्थवादी युद्धक्षेत्र स्थितियों का अनुकरण किया।
इसने विभिन्न भूभागों और खतरों के स्पेक्ट्रम में त्वरित और निर्णायक अभियान चलाने की सेना की क्षमता को रेखांकित किया। इसके माध्यम से सटीक निर्देशित गोला बारूद, ड्रोन और उन्नत निगरानी प्रणालियों के समावेश ने नेटवर्क केंद्रित युद्ध और बल सुरक्षा पर सेना के बढ़ती ताकत को उजागर किया।
अधिकारियों ने अभ्यास में शामिल इकाइयों के प्रदर्शन को सराहा: वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने अभ्यास में भाग लेने वाली सेना की इकाइयों के प्रदर्शन की सराहना की। अधिकारियों ने कहा कि इस अभ्यास ने न केवल सैनिकों की परिचालन तैयारियों की पुष्टि की है बल्कि आधुनिक युद्ध के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की भारत की क्षमता को भी रेखांकित किया है।
				


