
लद्दाख में लगातार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र लेह ने अगले 24 घंटों के लिए भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में लेह, ज़ांस्कर (पडुम), संकू-परकाचिक सहित कई इलाकों में मध्यम से तेज बारिश हो रही है, जबकि अन्य क्षेत्रों में आसमान बादलों से घिरा है।
भारी बारिश के कारण खारदुंगला मार्ग पर पत्थर गिरने से रास्ता बाधित हुआ है। वहीं, वारी ला पास पर भारी बर्फबारी दर्ज की गई है।सोमवार को लद्दाख विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और निदेशक, इसरो अहमदाबाद द्वारा आयोजित एक लोकप्रिय व्याख्यान का कार्यक्रम रेड अलर्ट के कारण ऑनलाइन कर दिया गया है। उड़ान रद्द होने के कारण उपराज्यपाल लद्दाख दिल्ली में रुके हुए हैं। लद्दाख में मौसम विभाग ने साफ कहा है कि इस मौसम में यात्रा योजनाओं को लेकर प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी।
पूर्वानुमान
26 अगस्त: कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश की आशंका।
27–30 अगस्त: मौसम शुष्क रहने का अनुमान।
अनावश्यक यात्रा से बचें
मौसम विज्ञान केंद्र लेह ने आम जनता और प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने और सभी आधिकारिक परामर्शों का पालन करने की अपील की है। यात्रियों को विशेष रूप से सलाह दी गई है कि खराब मौसम और चेतावनी की अवधि में अनावश्यक यात्रा से बचें।
मानसून 10 दिन पहले ही लद्दाख पहुंचा
मौसम विज्ञान केंद्र लेह के निदेशक सोनम लोटस के अनुसार, इस साल मानसून 10 दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पहुंच गया और लगातार सक्रिय बना हुआ है। इसी कारण क्षेत्र में कई जगहों पर बादल फटने और अचानक बाढ़ जैसी घटनाएं देखने को मिली हैं।
सोनम लोटस ने चेतावनी दी कि बढ़ते तापमान भी भारी मानसून की एक बड़ी वजह है और जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) के चलते आने वाले वर्षों में ऐसी घटनाएं और तेज होंगी। लद्दाख प्रशासन ने यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख में क्लाइमेट चेंज सेल की स्थापना की है, जो लगातार बदलते मौसम के पैटर्न पर शोध और निगरानी कर रहा है।