स्थापना दिवस के 50वें साल में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अपने खाली पड़े फ्लैटों के खरीदारों को अतिरिक्त छूट देने जा रहा है। फ्लैट की कीमतों के अनुसार ये छूट एक लाख रुपये से लेकर ढाई लाख रुपये तक होगी। एलडीए बोर्ड इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुका है। सोमवार से यह लागू भी हो जाएगी। छूट 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। वहीं, एक साल तक एलडीए इन फ्लैटों की कीमतें नहीं बढ़ाएगा। प्राधिकरण के करीब दो हजार फ्लैट विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े हैं।
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार बताते हैं, दिसंबर में लखनऊ विकास प्राधिकरण की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में ‘पहले आओ पहले-पाओ योजना’ में उपलब्ध फ्लैटों पर खरीदारों को सहूलियतों के साथ ही छूट भी दी जा रही है। मसलन 45 दिन में फ्लैट के मूल्य का 90 प्रतिशत जमा करने पर छह प्रतिशत की छूट दी जा रही है। 60 दिन में जमा करने पर पांच प्रतिशत, 75 दिन में चार प्रतिशत और 90 दिन में कीमत का 90 प्रतिशत पैसा जमा करने पर तीन प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
पंजीकरण पर मिलेगी एक लाख की छूट
उपाध्यक्ष बताते हैं कि 22 लाख से 50 लाख रुपये कीमत के फ्लैटों का पंजीकरण या आवंटन कराने पर एक लाख रुपये की छूट दी जाएगी। 50 लाख से 75 लाख रुपये कीमत के फ्लैटों पर 1.50 लाख रुपये की छूट होगी। वहीं 75 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले फ्लैटों पर 2.50 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। यह छूट अतिरिक्त है यानी जो छूट पहले से लागू है वह भी मिलेगी। वहीं, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह ने बताया कि खाली पड़े फ्लैटों की कीमतों को एक वर्ष तक के लिए फ्रीज कर दिया गया है।
22 लाख से 1.08 करोड़ रुपये तक के हैं फ्लैट
उपाध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में वन बीएचके से लेकर फोर बीएचके तक के फ्लैट हैं। इनके क्षेत्रफल 500 से 1900 वर्ग फीट तक हैं। कीमत करीब 22 लाख रुपये से लेकर 1.08 करोड़ रुपये तक है। सरकारी कर्मचारियों को फ्लैट की कीमत का 25 प्रतिशत व आमजन को 35 प्रतिशत भुगतान करने पर फ्लैट पर कब्जा भी दिया जा रहा है। नए नियमों व शर्तों के तहत कोई भी किसी भी बहुमंजिला आवासीय योजना में एक से अधिक फ्लैट खरीद सकता है। वहीं, 2 बीएचके के दो फ्लैटों को जोड़कर बड़ा फ्लैट बनाने की सुविधा भी दी जा रही है।
इन योजनाओं में उपलब्ध हैं फ्लैट
– गोमतीनगर योजना
– जानकीपुरम योजना
– प्रियदर्शिनी योजना (सीतापुर रोड)
– अलीगंज योजना
– ऐशबाग योजना
– कानपुर रोड योजना
– देवपुर पारा योजना
– शारदानगर योजना