रोज 15 मिनट उल्टा चलने से तेजी से कम होगा वजन, जानें रिवर्स वॉकिंग के फायदे

वॉक करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, ये तो आप जानते ही हैं। यह सबसे आसान और असरदार एक्सरसाइज में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं रिवर्स वॉकिंग आपके लिए और भी फायदेमंद हो सकती है।
जी हां, रिवर्स वॉकिंग यानी उल्टा चलना हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। आइए जानें रिवर्स वॉक करने से हमारी सेहत को क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।

पोस्चर में सुधार
आजकल की लाइफस्टाइल में फिजिकल एक्टिविटीज काफी कम हो गई हैं और लंबे समय तक बैठने की आदत से कई लोगों का पोस्चर खराब हो जाता है। रिवर्स वॉकिंग करने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और कंधे पीछे की ओर खिंचते हैं, जिससे पोस्चर में सुधार होता है। यह कमर दर्द और गर्दन के दर्द से भी राहत दिलाता है।

जोड़ों और घुटनों के दर्द में आराम
सामान्य चलने की तुलना में रिवर्स वॉकिंग घुटनों पर कम दबाव डालती है। यह घुटनों के जोड़ों को मजबूत बनाती है और अर्थराइटिस के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है। इससे जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है और दर्द कम होता है।

बेहतर संतुलन और कोऑर्डिनेशन
पीछे की ओर चलने से शरीर का संतुलन बेहतर होता है, क्योंकि इससे प्रोप्रियोसेप्शन मजबूत होता है। यह खासतौर से बुजुर्गों के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे गिरने का खतरा कम होता है।

कैलोरी बर्न करने में मददगार
रिवर्स वॉकिंग सामान्य चलने से ज्यादा कैलोरी बर्न करती है, क्योंकि इसमें शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करती है।

पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाना
उल्टा चलने से पैरों की क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और काफ मसल्स ज्यादा एक्टिव होती हैं, जिससे पैरों की ताकत बढ़ती है। यह एथलीट्स और रनर्स के लिए भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
रिवर्स वॉकिंग दिमाग को एक्टिव रखती है, क्योंकि इसमें फोकस और अटेंशन की जरूरत होती है। यह तनाव कम करने और मूड को बेहतर बनाने में भी मदद करती है।

इन बातों का रखें ध्यान
हालांकि, रिवर्स वॉकिंग करते वक्त आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। शुरुआत में धीरे-धीरे और सावधानी से चलें, ताकि शरीर को बैलेंस बनाए रखने में मदद मिले। साथ ही, इसकी नियमित प्रैक्टिस भी काफी जरूरी है। वॉक करते वक्त सही जूते और आरामदायक कपड़े पहनें, ताकि चलने में कोई परेशानी न हो और अपने शरीर पर एक ज्यादा दबाव न डालें। धीरे-धीरे शुरुआत करें और अपनी बॉडी को एडजस्ट होने का समय दें।

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