
भोपाल में कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत के लिए आए राहुल गांधी के कांग्रेस कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर पर जूते पहनकर पुष्पांजलि देने पर सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर तंज कसा है।
भोपाल में मंगलवार को कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत के लिए आए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक नई सियासी बहस में घिर गए हैं। दरअसल, कांग्रेस कार्यालय पहुंचने पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी दादी इंदिरा गांधी की तस्वीर पर जूते पहनकर पुष्पांजलि अर्पित की, जिसका वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया है। राहुल गांधी के साथ मौजूद कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी जूते नहीं उतारे। दोनों नेताओं ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर रखी इंदिरा गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और आगे बढ़ गए। वहीं, जीतू पटवारी और केसी वेणुगोपाल जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं ने परंपरा का पालन करते हुए जूते उतारकर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी उनकी दादी थीं, उनकी तस्वीर पर जूते पहनकर पुष्पांजलि देना हमारे संस्कारों के खिलाफ है। उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि भाजपा ने अपने कार्य, संस्कार और सेवा भाव के कारण जनता का दिल जीता है, यही कारण है कि मध्य प्रदेश भाजपा का गढ़ बना हुआ है और भारतीय जनता पार्टी लगातार आगे बढ़ रही हैं।
वहीं, इसको लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी ने इंदिरा जी का अपमान किया है। यह इटली की संस्कृति हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पोलिटिकल टूरिज्म पर भोपाल आए हैं। संगठन सृजन की बात करने वाले राहुल गांधी ने अपनी ही दादी का अपमान कर दिया। भारतीय परंपरा में हम किसी भी महापुरुष को पुष्पांजलि अर्पित करते समय जूते नहीं पहनते। राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि नहीं दी, बल्कि फूल फेंके। यह भारतीय नहीं, इटली की संस्कृति है। लगता है राहुल अभी तक भारत के संस्कार सीख नहीं पाए। भोपाल छोड़ने से पहले उन्हें इस पूरे मामले पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।