
राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों के स्मारक के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। स्मारक वहीं बनाया जाएगा, जहां से आंदोलन के पुरोधा अशोक सिंघल ने देश और दुनिया के रामभक्तों से राम जन्मभूमि की मुक्ति के लिए आंदोलन का आह्वान किया था।
राम मंदिर भवन निर्माण समिति की तीसरे दिन की बैठक बुधवार को रामकथा संग्रहालय में शुरू हुई। बैठक से पहले समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए एजेंडे की जानकारी दी। साथ ही कल की बैठक में हुई चर्चा पर भी विस्तार से बात की। कल की बैठक में मुख्य रूप से परकोटा और लोअर प्लिंथ पर समीक्षा की गई। रामकथा पर आधारित स्टोन म्यूरल्स को लोअर प्लिंथ में लगाने पर भी गहन चर्चा हुई।
लोअर प्लिंथ में म्यूरल्स लगाने में सामने आई तकनीकी चूक
सितंबर से राम मंदिर में तीन लिफ्ट लगाने का काम शुरू होगा। लिफ्टें जल्द ही अयोध्या पहुंचने वाली हैं। परकोटे में अभी 45,000 क्यूबिक फीट पत्थर लगाया जाना बाकी है, जो आगामी छह सप्ताह में लगा लिया जाएगा। लोअर प्लिंथ में म्यूरल्स लगाने में थोड़ी तकनीकी चूक सामने आई है। रेलिंग के लिए आवश्यक स्थान का ध्यान नहीं रखा गया। अब यह कार्य सितंबर के अंत या अक्तूबर के पहले सप्ताह तक पूरा होगा।
राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों के स्मारक के लिए स्थान चयनित
राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों के स्मारक के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। स्मारक वहीं बनाया जाएगा, जहां से आंदोलन के पुरोधा अशोक सिंघल ने देश और दुनिया के रामभक्तों से राम जन्मभूमि की मुक्ति के लिए आंदोलन का आह्वान किया था।