
प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान पर्यटन नीति–2025 का औपचारिक विमोचन किया। सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, वरिष्ठ अधिकारी, प्रवासी राजस्थानी समुदाय तथा पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति राजस्थान के पर्यटन भविष्य को नई दिशा देने वाला दूरदर्शी दस्तावेज है, जो राज्य को राष्ट्रीय ही नहीं, वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर शीर्ष पर स्थापित करेगी।
इस नीति का लक्ष्य पर्यटन में निवेश, नवाचार, रोजगार और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देना है। नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार एक समर्पित नीति कार्यान्वयन इकाई स्थापित करेगी। पीपीपी मॉडल, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, सिंगल वेब पोर्टल और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रक्रियाओं को सरल और आधुनिक बनाया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य राजस्थान को एक सुरक्षित, प्रतिस्पर्धी और विश्वस्तरीय पर्यटन अनुभव देने वाला राज्य बनाना है। नई नीति के तहत एस्ट्रो टूरिज्म, इको–टूरिज्म, फिल्म सिटी, धार्मिक–सांस्कृतिक सर्किट, फूड फेस्टिवल और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में अवसर बढ़ेंगे।
नीति में स्पेशल टूरिज्म जोन, कृष्ण गमन पथ, बृज–द्वारका तीर्थ मार्ग, धार्मिक–वन्यजीव पर्यटन हब, थ्रीडी स्कैनिंग, डिजिटल संग्रहालय, लाइट एंड साउंड शो, नया पर्यटन पोर्टल, मोबाइल ऐप और चैटबॉट जैसी आधुनिक पहल शामिल हैं।
पर्यटक सुविधा बढ़ाने के लिए हॉप ऑन–हॉप ऑफ बस, प्रीपेड टैक्सी बूथ, ई-सेगवे, रेंटल साइकिल, ई–वाहन और राजस्थान ट्रैवल कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। सुरक्षा के लिए 24×7 कॉल सेंटर, टूरिस्ट असिस्टेंस फोर्स, पैनिक बटन और सीसीटीवी आधारित निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
यह नीति पर्यटन को आधुनिक, सुरक्षित और रोजगार-उन्मुख बनाकर 2047 के विकसित राजस्थान के विजन को मजबूत आधार प्रदान करेगी।



