
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि में उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को केंद्र में रखकर मिशन शक्ति 5.0 की शुरुआत की.सभी जिलों में इसकी शुरुआत हुई है
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन की दृष्टि से योगी सरकार ने कई फैसले लिए हैं जो मील का पत्थर साबित हो रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि में उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को केंद्र में रखकर मिशन शक्ति 5.0 की शुरुआत की. यह अभियान महज एक सरकारी कार्यक्रम भर नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है. महिलाओं को जागरूक बनाने के लिए सरकार के हर विभाग की तरफ से प्रतिदिन अलग अलग जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि नारी शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है और अब कोई बेटी अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ेगी. महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के लिए चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के क्रम में पुलिस टीम द्वारा चौपाल लगाकर महिलाओं और बालिकाओं को किया गया जागरूक किया जा रहा है.
महिला सुरक्षा के मोर्चे पर योगी सरकार ने उठाए ठोस और कारगर कदम
महिला सुरक्षा के मोर्चे पर योगी सरकार ने ठोस और कारगर कदम उठाए हैं. प्रदेश के सभी 1,647 थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गईं, जो महिलाओं की शिकायतों को संवेदनशीलता के साथ सुनकर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करती हैं. बीते वर्ष इन हेल्प डेस्कों पर कुल 6,48,664 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 6,47,095 का समाधान किया गया. इतना ही नहीं, महिलाओं को फोन पर परेशान करने से लेकर साइबर उत्पीड़न तक की शिकायतों को दर्ज करने के लिए वीमेन पावर लाइन-1090 को और सशक्त बनाया गया. जनवरी 2024 से अगस्त 2025 के बीच इस हेल्पलाइन पर 7.75 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं और लगभग 99 प्रतिशत मामलों का निस्तारण हुआ.
महिला सुरक्षा को लेकर शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों तक किए विशेष इंतजाम
महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं रखा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष इंतजाम किए. महिला बीट प्रणाली और महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों की स्थापना ने गांव-गांव तक सुरक्षा का दायरा बढ़ा दिया है. प्रदेश में अब तक 9,172 महिला बीटों का गठन किया जा चुका है और करीब 19,839 महिला पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है. वहीं, एंटी रोमियो स्क्वॉड ने 1.18 करोड़ से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग कर असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाई और 33 हजार से अधिक गिरफ्तारियाँ कीं.
महिला अपराधों पर त्वरित कार्रवाई और कठोर सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश ने देश में उदाहरण पेश किया है. अब तक 9,513 वादों में 12,271 अभियुक्तों पर दोष तय किए गए, जिनमें 12 अपराधियों को मृत्युदंड और 987 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. आईटीएसएसओ पोर्टल के अनुसार महिला अपराधों के मामलों में 98.80 प्रतिशत निस्तारण दर के साथ उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है.
केंद्रों पर3से5वर्ष की अवधि के लिए तैनात होंगे पुलिसकर्मी
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि मिशन शक्ति केंद्र में एक प्रभारी निरीक्षक/उपनिरीक्षक (प्राथमिकता महिला अधिकारी), 1 से 4 उपनिरीक्षक, 4 से 15 आरक्षी (जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं), 1 से 2 महिला होमगार्ड तथा आवश्यकता पड़ने पर परामर्शदाताओं की नियुक्ति के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि सभी केंद्रों पर कर्मियों को 3 से 5 वर्ष की अवधि तक तैनात रखा जाएगा और प्रशिक्षित कर्मियों के स्थानांतरण का प्रावधान भी होगा. डीजीपी द्वारा जारी गाइडलाइन में थानों के प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि मिशन शक्ति केन्द्र के लिए एक अलग कक्ष, कम्प्यूटर, अभिलेख, स्टेशनरी, महिला शौचालय और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाए.
सुरक्षा और सम्मान के नारों से गूंज उठीं सड़कें
सीएम योगी के निर्देश पर रविवार सुबह से ही सभी जिलों में महिला पुलिस कर्मी बाइक लेकर सड़क पर उतरीं. ‘सुरक्षा और सम्मान, नारी का अधिकार’ जैसे नारों से सड़कें गूंज उठीं. जगह-जगह आमजन ने तालियों और पुष्पवर्षा के साथ रैली का स्वागत कर महिला सुरक्षा के संकल्प को मजबूती दी. सीएम ने अपने सम्बोधन में कहा गया था कि ‘नारी सुरक्षा और सम्मान ही हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है’. इसी विचार को जन-जन तक पहुँचाने के लिए यह बाइक रैली निकाली गई. लोकभवन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 1,663 थानों में मिशन शक्ति केंद्रों की शुरुआत की थी. इसके साथ ही ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ फोल्डर एवं महिला सुरक्षा से जुड़ी हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी भी जारी की गई. नवरात्रि और आगामी त्योहारों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतज़ाम करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
महिलाओं और बच्चों के पोषण को लेकर कई पहलें
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को लेकर भी सरकार ने अहम पहलें की हैं. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को आर्थिक सहायता मिली है, जिससे गर्भवती महिलाओं को बेहतर देखभाल मिल सकी. पोषण अभियान के अंतर्गत बच्चों के शुरुआती हज़ार दिनों में एनीमिया और डायरिया की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष के तहत अब तक 7,105 पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को आर्थिक मदद दी जा चुकी है.