
उत्तर प्रदेश कैबिनेट में विस्तार की आहट है. माना जा रहा है कि इस अगले महीने सितंबर में नवरात्र के दौरान विस्तार हो सकता है. उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट में विस्तार की सूचना है. यह सूचना ऐसे वक्त में आई है जब समाजवादी पार्टी ने बीते एक महीने में अपने चार बागी विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया है. हाल ही में विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने वाली विधायक पूजा पाल को सपा चीफ अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाल दिया था. हालांकि पूजा ने बागी कदम वर्ष 2024 में उठा लिए थे, जब राज्यसभा चुनाव के दौरान फरवरी 2024 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया था.
अब दावा किया जा रहा है कि कौशांबी स्थित चायल से विधायक पूजा पाल अगर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होतीं हैं तो उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो भाजपा यह फैसला जातीय समीकरण को सेट करने के लिए साधेगी.
पूजा पाल ही क्यों?
यूपी में पाल जाति की आबादी 7% के करीब मानी जाती है. ऐसे में अगर पूजा पाल बीजेपी में आ जाती है तो इन वोटर्स को साधने में मदद होगी. चर्चा इसलिए है कि पूजा पाल अखिलेश से नाराज हैं. हाल ही में योगी से मुलाकात भी हुई थी.
विस्तार नवरात्रि में ही क्यों, इसको लेकर सूत्रों का दावा है कि नवरात्रि से पहले कोई शुभ दिन नहीं है इसलिए यह समय नियत हो सकता है.
पूजा पाल के अलावा और कौन?
पूजा पाल के अलावा सपा ने तीन और नेताओं को पार्टी से निकाला था. इसमें ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और गोसाईंगज से विधायक अभय प्रताप सिंह को निष्कासित किया था. इन तीनों के संदर्भ में दावा है कि बीजेपी इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार में कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. लोक निर्माण विभाग को लेकर भी चर्चा है कि इसका दायित्व किसी अन्य सीनियर नेता को सौंपा जा सकता है. जितिन प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने और केंद्र में मंत्री बनने के बाद से यह विभाग सीएम योगी आदित्यनाथ के पास है.