
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अक्षय कुमार अभिनीत फ़िल्म ‘जॉली एलएलबी- 3 की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि फ़िल्म कानूनी पेशे के लिए अपमानजनक है। कोर्ट ने कहा इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बृज राज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश जय वर्धन शुक्ल की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचिका में उठाई गई आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कहा कि हमने उक्त फ़िल्म के तीन आधिकारिक ट्रेलर/टीज़र देखे, इनमें ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है, जिस पर हमारे दख़ल की आवश्यकता हो। कोर्ट ने कहा कि फिल्म के एक गाने ‘भाई वकील है’ के बोल भी देखे, इसमें भी ऐसा कुछ नहीं मिला जो वास्तविक वकीलों के विरुद्ध हो।
याची की ओर से दलील दी गई थी कि फ़िल्म का ट्रेलर और गाने यूट्यूब व सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहे हैं, जिससे अधिवक्ताओं की छवि को नुकसान पहुँच रहा है और न्यायपालिका पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। फिल्म की सीरीज में वकीलों की नकारात्मक छवि दिखायी गई है, जिससे लोग इस पेशे से विमुख हो रहे हैं और क़ानून के छात्रों में मोहभंग पैदा हो रहा है। वहीं याचिका का विरोध करते हुए, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय की दलील थी कि याचिका विचारणीय ही नहीं है क्योंकि याची ने फ़िल्म के ख़िलाफ़ किसी सक्षम प्राधिकारी से को प्रत्यावेदन नहीं दिया और सीधा याचिका दाखिल कर दी, जो खारिज करने योग्य है।