
नकली, नारकोटिक्स श्रेणी की दवाएं, एक्सपायर्ड दवाओं की री-पैकिंग समेत अन्य की कालाबाजारी आगरा में पहले भी पकड़ी गई है। पशुओं की भी नकली दवाएं पकड़ी जा चुकी हैं। बीते 10 साल में 260 करोड़ रुपये से अधिक की दवाएं जब्त की गई हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय गैंग सक्रिय हैं। इनका रैकेट 10 राज्यों के साथ बांग्लादेश तक है।
एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स, एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान में नकली, नारकोटिक्स श्रेणी, सरकारी दवाओं, री-पैकिंग समेत अन्य के मामले पकड़े हैं।
जांच में बांग्लादेश तक कफ सिरप और मानसिक रोगों की दवाओं के नशे के लिए कालाबाजारी का खेल सामने आया था। सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि पकड़े गए मामलों में केस दर्ज कराया, कई को सजा भी हुई।
आगरा में फिर पकड़ी दवाएं
आगरा में बरेली नारकोटिक्स ड्रग एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) टीम ने नुनिहाई में ऑटो से अवैध रूप से नारकोटिक्स श्रेणी की दवाएं जब्त की हैं। कफ सिरप, नींद की दवाएं भरी हुई थीं। टीम ऑटो चालक, दो हॉकर को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की टीम ने फव्वारा बाजार में फर्म पर भी छापा मारा। वह बंद मिली। कार्रवाई अभी चल रही है।
ये बड़े मामले पकड़े
2025: ताजगंज में इदरीश के घर बने गोदाम से से अवैध रूप से दवाएं बरामद की। दवाएं इसके रिश्तेदार पप्पू की बताईं।
2024: शास्त्रीपुरम में जीजा-साले अश्वनी गुप्ता, सौरभ दुबे की पशुओं की नकली दवा बनाने की दो फैक्टरी पकड़ी।
2024: कमला नगर निवासी विजय गोयल की चार अवैध फैक्टरी में नकली दवाएं, मशीनें और कच्चा माल पकड़ा।
2021: आवास विकास कॉलोनी में धीरज राजौरा, प्रदीप राजौरा, नकली, एक्सपायर्ड दवाओं की री-पैकिंग का खेल पकड़ा।
2019: फ्रीगंज में दिल्ली की नारकोटिक्स टीम दो गोदाम पर छापा मारा। चार दिन तक कार्रवाई चलती रही।
2018: कमला नगर निवासी पंकज गुप्ता का अंतरराज्यीय गैंग की नकली, सरकारी दवाओं की कालाबाजारी पकड़ी।
2016: कमला नगर निवासी कपिल अरोड़ा और जितेंद्र अरोड़ा का पंजाब एसटीएफ ने तीन गोदाम सील किए।
2015: शास्त्रीपुरम स्थित निखिल होम्स में दवाओं से भरे हुए दो गाेदाम पकड़े।