
नदी अपने किनारों को पार करके आबादी वाले इलाके के करीब पहुंच गई है। हर घंटे के साथ नदी का बढ़ता जलस्तर स्थानीय निवासियों को डरा रहा है। लोग दहशत में हैं कि बाढ़ कहीं उनकी जीवन भर की पूंजी न बहा ले जाए। निवासियों का आरोप है कि शासन-प्रशासन ने समय रहते राहत की ठोस व्यवस्था नहीं की, जिसके चलते मुश्किल और बढ़ गई है। बाढ़ के डर से कई परिवार इलाका छोड़कर किराए के मकानों में शरण लेने की तैयारी में है।
मंगलवार को उस्मानपुर की तंग गलियों में पानी भरने लगा। इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया। इलाके में बिजली काट दी गई है, जिससे रातें और डरावनी हो गई हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने न तो समय पर चेतावनी जारी की और न ही राहत शिविरों की समुचित व्यवस्था की। कई लोग अपने सामान खुद ही ऊंचे स्थानों पर ले जाने की जद्दोजहद में लगे हैं। बारिश और कीचड़ ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
मुसीबत में खोज रहे मुनाफा
पानी बढ़ने से अपना घर छोड़ने का मन बना रहे लोगों का कहना है कि बाढ़ के डर से कई परिवार उस्मानपुर छोड़कर नजदीकी इलाकों जैसे सीलमपुर, शास्त्री पार्क या मयूर विहार में किराए के मकान तलाश रहे हैं। बढ़ती मांग के कारण इन क्षेत्रों में किराए में 20 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुसीबत में देखकर लोग मदद करने की सोचते हैं लेकिन यहां तो कई मकान मालिक मुनाफा कमाने में लगे हैं।