मैं पहलगाम जा रही हूं, अब पाकिस्‍तान पहुंच गई हूं… जनवरी, मार्च और अप्रैल में ज्‍योति मल्‍होत्रा के साथ हुए कैसे-कैसे इत्तेफाक

एफआईआर में खुलासा हुआ है कि ज्योति मल्होत्रा के पाक हाई कमीशन और खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों के साथ संपर्क थे और इन लोगों के नाम बदलकर फोन में सेव किए हुए थे. पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में मदद करने से लेकर पाक हाई कमीशन के अधिकारी से रिश्ते, खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी शाकिर का नाम बदलर फोन में सेव करना, ये सारे सवाल ज्योति को कटघरे में लाकर खड़ा कर देते हैं. बार-बार उनका पाकिस्तान जाना, पाकिस्तान की तारीफों से भरा सोशल मीडिया अकाउंट और हमले से ठीक पहले पहलगाम का दौरा, ये सब सिर्फ इत्तेफाक हैं या कुछ और पुलिस इन्हीं सभी एंगल की जांच कर रही है.

ये सभी घटनाक्रम ज्योति को शक के घेरे में खड़ा कर रहे हैं क्योंकि इनमें से किसी एक को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वैसे तो ज्योति साल 2023 से ही पाकिस्तान जाती रही है और उसने कई वीडियो भी बनाए, लेकिन उसकी गिरफ्तारी केंद्रीय एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद हुई. अब उन सभी इत्तेफाक पर नजर डाल लेते हैं, जो ज्योति को सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. जनवरी में ज्योति मल्होत्रा कश्मीर के पहलगाम में थीं, फिर मार्च में पाकिस्तान जाती हैं और अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमला हो जाता है. सर्दियों में जब आमतौर पर टूरिस्ट गायब होते हैं, उस वक्त क्या ये सिर्फ एक इत्तेफाक ही था कि ज्योति मल्होत्रा वहां मौजूद थीं. ज्योति एक साधारण सी इंफ्लूएंसर हैं तो कैसे उनको तीन साल में पाकिस्तान का वीजा मिल जाता है.

अगर ये मान भी लें कि वह पहली बार पाकिस्तान देखने की उत्सुकता में वहां गईं, लेकिन फिर दूसरी और तीसरी बार क्यों गईं, क्या ये भी सिर्फ इत्तेफाक हैं. एक साधारण सी इंफ्लूएंसर पाकिस्तान के पंजाब की चीफ मिनिस्टर मरियम नवाज से कैसे मुलाकात कर लेती है? एफआईआर के अनुसार, पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से उनकी दोस्ती थी और उसके कहने पर बार-बार वह पाकिस्तान गईं. अगर दानिश से दोस्ती सिर्फ इत्तेफाक था तो इसकी क्या वजह थी कि उन्होंने आईएसआई के शाकिर का नाम बदलकर जाट रंधावा के नाम से अपने फोन में सेव किया. क्या पहलगाम की खूनी साजिश का ज्योति हिस्सा थीं या गलत वक्त पर गलत जगह पर मौजूद थीं, इन सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है.ज्योति मल्होत्रा एक ट्रैवल व्लॉगर हैं, जिनका यूट्यूब पर ‘Travel With Jo’ नाम से चैनल है. उन्होंने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर कई वीडियो अपलोड किए हैं. कई वीडियो में वह पाकिस्तानी बाजारों में घूमते हुए और वहां के लोगों से बात करते हुए नजर आ रही हैं. पहली बार वह करतारपुर गुरुद्वारा तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ गई थीं, लेकिन इसके बाद भी वह वहां घूमने जाती रहीं. हिसार के एसपी शशांक कुमार ने बताया कि ज्योति को केंद्रीय एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर गिरफ्तार किया गया.पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में मदद करने से लेकर पाक हाई कमीशन के अधिकारी से रिश्ते, खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी शाकिर का नाम बदलर फोन में सेव करना, ये सारे सवाल ज्योति को कटघरे में लाकर खड़ा कर देते हैं. बार-बार उनका पाकिस्तान जाना, पाकिस्तान की तारीफों से भरा सोशल मीडिया अकाउंट और हमले से ठीक पहले पहलगाम जाना, ये सब सिर्फ इत्तेफाक हैं या कुछ और पुलिस इन्हीं सभी एंगल की जांच कर रही है. ये सभी घटनाक्रम ज्योति को शक के घेरे में खड़ा कर रहे हैं क्योंकि इनमें से किसी एक को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वैसे तो ज्योति साल 2023 से ही पाकिस्तान जाती रही है और उसने कई वीडियो भी बनाए, लेकिन उसकी गिरफ्तारी केंद्रीय एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद हुई. अब उन सभी इत्तेफाक पर नजर डाल लेते हैं, जो ज्योति को सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं.

जनवरी में ज्योति मल्होत्रा कश्मीर के पहलगाम में थीं, फिर मार्च में पाकिस्तान जाती हैं और अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमला हो जाता है. सर्दियों में जब आमतौर पर टूरिस्ट गायब होते हैं, उस वक्त क्या ये सिर्फ एक इत्तेफाक ही था कि ज्योति मल्होत्रा वहां मौजूद थीं. ज्योति एक साधारण सी इंफ्लूएंसर हैं तो कैसे उनको तीन साल में पाकिस्तान का वीजा मिल जाता है. अगर ये मान भी लें कि वह पहली बार पाकिस्तान देखने की उत्सुकता में वहां गईं, लेकिन फिर दूसरी और तीसरी बार क्यों गईं, क्या ये भी सिर्फ इत्तेफाक हैं. एक साधारण सी इंफ्लूएंसर पाकिस्तान के पंजाब की चीफ मिनिस्टर मरियम नवाज से कैसे मुलाकात कर लेती है? एफआईआर के अनुसार, पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से उनकी दोस्ती थी और उसके कहने पर बार-बार वह पाकिस्तान गईं. अगर दानिश से दोस्ती सिर्फ इत्तेफाक था तो इसकी क्या वजह थी कि उन्होंने आईएसआई के शाकिर का नाम बदलकर जाट रंधावा के नाम से अपने फोन में सेव किया. क्या पहलगाम की खूनी साजिश का ज्योति हिस्सा थीं या गलत वक्त पर गलत जगह पर मौजूद थीं, इन सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है.ज्योति मल्होत्रा एक ट्रैवल व्लॉगर हैं, जिनका यूट्यूब पर ‘Travel With Jo’ नाम से चैनल है. उन्होंने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर कई वीडियो अपलोड किए हैं. कई वीडियो में वह पाकिस्तानी बाजारों में घूमते हुए और वहां के लोगों से बात करते हुए नजर आ रही हैं. पहली बार वह करतारपुर गुरुद्वारा तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ गई थीं, लेकिन इसके बाद भी वह वहां घूमने जाती रहीं. हिसार के एसपी शशांक कुमार ने बताया कि ज्योति को केंद्रीय एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर गिरफ्तार किया गया.

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