
महाराष्ट्र के लातूर जिले में एचआईवी संक्रमित नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने गिरफ्तार किए गए चार लोगों को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने शनिवार शाम में मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसे आज अदालत में पेश किया जाएगा।
महाराष्ट्र के लातूर जिले में एचआईवी संक्रमित नाबालिग लड़की से कथित दुष्कर्म के मामले अदालत ने कार्रवाई की है। लातूर की अदालत ने मामले में गिरफ्तार चार लोगों को शनिवार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि मामले के मुख्य आरोपी को दिन में गिरफ्तार कर लिया गया था।
पुलिस के अनुसार, लातूर जिले के एक बाल आश्रय गृह में लड़की के साथ कथित तौर पर दो साल तक दुष्कर्म किया गया। उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया गया। इस संबंध में पीड़िता ने अपने पैतृक जिले धाराशिव के ढोकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
आश्रय गृह के कर्मचारी ने चार बार किया यौन शोषण
पीड़िता ने शिकायत में बताया कि 13 जुलाई 2023 से 23 जुलाई 2025 के बीच लातूर के हासेगांव में स्थित सेवालय नामक एचआईवी संक्रमित बच्चों के आश्रय गृह में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। शिकायत के आधार पर, आश्रय गृह के एक कर्मचारी ने चार बार उसका यौन शोषण किया और उसे धमकी दी कि वह इस बारे में किसी को न बताए।
जांच में चार महीने की गर्भवती होने का चला पता
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संस्था के प्रबंधन ने उसकी कोई मदद नहीं की, यहां तक कि अधिकारियों के लिए उसके द्वारा लिखा गया एक पत्र भी फाड़कर शिकायत पेटी में डाल दिया। अधिकारी ने बताया कि बीमार पड़ने के बाद, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच से पता चला कि वह चार महीने की गर्भवती है। इसके बाद आरोपी ने उसकी सहमति के बिना एक डॉक्टर से गर्भपात करवा लिया।
पुलिस ने शनिवार शाम को गिरफ्तार किया मुख्य आरोपी
पुलिस ने इस मामले में आश्रय गृह के संस्थापक रवि बापटले, अधीक्षक रचना बापटले, दुष्कर्म के आरोपी अमित वाघमारे, कर्मचारी रानी वाघमारे और पूजा वाघमारे समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने शुक्रवार को रवि, रचना, रानी और पूजा को गिरफ्तार कर शनिवार सुबह अदालत में पेश किया। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी अमित वाघमारे को शनिवार शाम को गिरफ्तार किया गया। उसे रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
हिरासत में लिए अमित महामुनि को पुलिस ने रिहा किया
अधिकारी ने बताया कि इससे पहले, पीड़िता की संशय की स्थिति के चलते अमित महामुनि नामक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन यह पता चलने पर कि उसका अपराध से कोई लेना-देना नहीं है, उसे रिहा कर दिया गया।