महाराष्ट्र: ‘लाड़की बहिन’ योजना पर आदित्य ठाकरे ने कसा तंज

महाराष्ट्र में ‘लाड़की बहिन’ योजना को लेकर आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि 15 लाख की जगह 15 सौ रुपये महीने देने वाला यह भाजपा का अर्थशास्त्र है।

शिव सेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने ‘लाड़की बहिन’ योजना को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि काला धन वापस लाकर 15 लाख रुपये लोगों के खाते में जमा कराने वाली भाजपा अब 15 सौ रुपये दे रही है।

आदित्य ठाकरे ने कहा, “भाजपा के आर्थिक मॉडल को देखिए। उन्होंने एक बार कहा था कि वे हर किसी को 15 लाख रुपये लाकर देंगे, जो कि अब घटकर 1500 रुपये प्रति माह हो गया है। जब हम सत्ता मे थे तब बीएमसी के पास 92 हजार करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि थी। अब एक आरटीआई क्वेरी में पाया गया है कि नगर निकाय प्रशासन द्वारा दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की गई है। यह है भाजपा शासन का वित्तीय मॉडल।’’

ठाकरे ने आगे कहा, “बढ़ती एफडी का विरोध करना गलत है। मुंबई का सारा काम एक ही उद्योगपति को सौंपना उचित नहीं है। धन्यवाद इन एफडी के कारण, हम शहर में कर बढ़ाए बिना कुशलतापूर्वक संचालन करने में सक्षम हैं।”

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं। सड़कों का कंक्रीटीकरण लंबित है और वेंडिंग मशीनों और सैनिटरी पैड की आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

‘क्या मुंबई के पेंग्विन की तरह कूनो के चीतों से राजस्व बढ़ा?’
आदित्य ठाकरे ने चीतों को लेकर भी रविवार को केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के कूनो में आए चीतों से क्या मुंबई चिड़ियाघर में आईं पेंग्विन की तरह राजस्व में इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाना जरूरी है कि चीतों को भारत लाने के बाद कितना राजस्व बढ़ा।

उन्होंने दावा किया कि मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोसले बोटेनिकल उद्यान में पेंग्विन आने के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की कमाई बढ़ी है। दरअसल प्रशासक के अधीन आने से पहले शिवसेना द्वारा संचालित बीएमसी ने 2016 में आठ हम्बोल्ट पेंग्विन मंगाई थी।

इसमें से एक पेंग्विन की कुछ दिन बाद मृत्यु हो गई थी। पेंग्विन के देखभाल पर हो रहे खर्च पर बीजेपी लगातार शिवसेना को घेरती रहती थी। पेंग्विन के देखभाल के लिए निकले टेंडर में भ्रष्टाचार का आरोप भी भाजपा ने लगाया था। ऐसा माना जाता था कि यह परियोजना आदित्य ठाकरे के निर्देशन में ही शुरू हुई थी।

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