महाराष्ट्र: आयोग से बोले राजनीतिक दल- ज्यादा लंबा न खिंचे विधानसभा चुनाव

भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कार्यदिवस में मतदान कराने का सुझाव दिया, जबकि कांग्रेस ने आवासीय सोसायटी में मतदान केंद्र बनाने पर आपत्ति जताई। निर्वाचन आयोग की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक की।

महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों ने मांग की है कि लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा चुनाव ज्यादा लंबा न खिंचे। कम से कम चरणों में मतदान कराया जाए। सूबे में नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में निर्वाचन आयोग की एक टीम महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर है। शुक्रवार को आयोग की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और विधानसभा चुनावों के लिए उनके सुझाव लिए।

भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कार्यदिवस में मतदान कराने का सुझाव दिया, जबकि कांग्रेस ने आवासीय सोसायटी में मतदान केंद्र बनाने पर आपत्ति जताई। निर्वाचन आयोग की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक की। कांग्रेस ने मांग की है कि पुलिस थाने में लंबे समय से तैनात कांस्टेबल और वरिष्ठ पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया जाए। भाजपा की ओर से विधायक मिहिर कोटेचा और मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने निर्वाचन आयोग की टीम से कहा कि प्रत्येक बूथ पर 1,000 से ज्यादा मतदाता नहीं होने चाहिए।

फिलहाल, यह आंकड़ा अभी 1,500 से 1,600 के बीच है। सभी दल के प्रतिनिधियों ने मतदान केंद्रों पर कतारों से निजात दिलाने की व्यवस्था और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की हैं। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के सुभाष देसाई ने कम से कम चरणों में मतदान कराने की मांग की है। भाजपा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के अलावा एनसीपी, एनसीपी (एसपी), आप, और बसपा के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव और मांगें रखीं।

लोकसभा चुनाव में हुई असुविधा पर आयोग ने जताया असंतोष
निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी समीक्षा बैठक की। इस दौरान आयोग ने लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को असुविधा की शिकायतों पर असंतोष व्यक्त किया और कार्रवाई की चेतावनी दी। निर्वाचन आयोग ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों से आगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा।

तबादलों पर मांगा स्पष्टीकरण
आयोग ने चुनाव से पूर्व तबादला आदेशों का पालन न करने पर स्पष्टीकरण मांगा। मुंबई में निरीक्षकों और राज्य में प्रमुख पदों पर राजस्व अधिकारियों का तबादला करने में सरकार के अनिच्छुक दिखने पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई।

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