मनीष सिसोदिया का निशाना, ‘CM रेखा गुप्ता ने प्रवेश वर्मा…के अधिकारों पर लगाई पाबंदी’

दिल्ली में मंत्री-विधायकों को DM, को किसी बैठक या फिर निरीक्षण में बुलाने से पहले मुख्य सचिव की अनुमति लेनी होगी. इसे लेकर मनीष सिसोदिया ने रेखा गुप्ता सरकार पर हमला बोला है. ल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने सीएम रेखा गुप्ता सरकार के एक आदेश को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने मंत्रियों प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर सिंह, कपिल मिश्रा, पंकज सिंह के आधिकारों पर पाबंदी लगा दी है.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ”अब ये मंत्री अपनी ही सरकार के ज़िलाधिकारियों को न तो किसी मीटिंग में बुला सकेंगे और न ही उन्हें अपने साथ फ़ील्ड इंस्पेक्शन में ले जा सकेंगे और अगर कोई मंत्री किसी ज़िलाधिकारी को अपनी मीटिंग में बुलाना चाहे तो इसके लिए उसे चीफ़ सेक्रेटरी से लिखित इजाज़त लेनी पड़ेगी. बीजेपी वालों ने लोकतंत्र का तमाशा बना दिया है.”

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी ने अपने मंत्रियों (प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर सिंह, कपिल मिश्रा, पंकज सिंह) के आधिकारों पर पाबंदी लगा दी है।अब ये मंत्री अपनी ही सरकार के ज़िलाधिकारियों को न तो किसी मीटिंग में बुला सकेंगे और न ही उन्हें अपने साथ फ़ील्ड…

सौरभ भारद्वाज ने भी सीएम रेखा गुप्ता को घेरा

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”बीजेपी की सरकार का एक अहम महकमा है रेवेन्यू डिपार्टमेंट, जिसकी मंत्री खुद सीएम रेखा गुप्ता हैं. उनकी अनुमति और सहमति से उनके विभाग ने एक बड़ा ही विचित्र ऑर्डर निकाला है और वो आदेश ये कहता है कि अब से अगर किसी माननीय मंत्री को भी डीएम को अपनी मीटिंग में बुलाना है तो उसकी अनुमति पहले मुख्य सचिव से ली जाएगी. ये कमाल का ऑर्डर है. इसमें शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, वो खास तौर से विधायकों के लिए इस्तेमाल नहीं किए जाते हैं.

क्या है दिल्ली सरकार का आदेश?

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत अब कोई भी मंत्री या विधायक डीएम को किसी बैठक में तभी बुला सकेंगे जब उन्हें मुख्य सचिव से पूर्व अनुमति मिल जाएगी. इतना ही नहीं डीएम को बैठक या फिर निरीक्षण में बुलाने के लिए 48 घंटे पहले बताना होगा. आदेश के मुताबिक बैठक में डीएम को बुलाने के लिए मंत्रालय को जस्टिफिकेशन भी देना होगा कि किसी बैठक या फिर निरीक्षण में आख़िर क्यों डीएम की मौजूदगी जरूरी है?

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