ग्वालियर के गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की शिकायत भोपाल में चिकित्सा शिक्षा विभाग को की गई है। इसमें आरोप टेंडर शर्तें के उल्लंघन के साथ ही ज्यादा कीमत पर उपकरण और सामान खरीदने की बात कही है। शिकायत मिलने के बाद डीएमई ने जांच शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश के अस्पतालों में गड़बड़ी के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ग्वालियर स्थित गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि 3.48 करोड़ रुपये की मशीन बिना वारंटी के और मात्र दो टेंडरों के आधारपर खरीद ली गई।
इसके आरोप पूर्व डीन, वरिष्ठ प्रोफेसर और क्रय शाखा के अधिकारी और कर्मचारियों पर लगे हैं। इसकी शिकायत भोपाल डीएमई कार्यालय को मिली है। डीएमई ने शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता का कहना है कि योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार कर शासन को भारी आर्थिक हानि पहुंचाई है। शिकायतकर्ता ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
मशीनों की खरीद में अनियमितताएं
जैम बिड कमांक GEM-/2022/B/2899453 के तहत न्यूरो सर्जरी विभाग के लिए 3.48 करोड़ की मशीन खरीदी गई, जिसमें केवल दो निविदाकर्ताओं के बीच तुलनात्मक पत्रक तैयार किया गया। इस खरीद प्रक्रिया में आवश्यक वारंटी शर्तों का भी उल्लंघन किया गया।
मशीन खरीदने के लिए मेडिकल कॉपोरेशन भोपाल से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया। कॉपोरेशन के नियमानुसार किसी उपकरण पर तीन वर्ष की वारंटी ली जाना आवश्यक है, लेकिन क्रय की गई मशीनों पर केवल एक वर्ष की ही वारंटी ली गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि यह खरीदी फायदा लेने के लिए तेजी से की गई।
शासन के नियमों का उल्लंघन
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जैम पोर्टल के जरिए करोड़ों रुपये की खरीदारी की गई, जबकि नियमानुसार जैम पोर्टल से 2.5 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी नहीं की जा सकती है। इससे अधिक की खरीदी के लिए शासन की प्रक्रिया अनुरूप विधिवत निविदा का प्रकाशन कराया जाना चाहिए था, जिससे अधिक से अधिक संख्या में निविदाकर्ता भाग लेते और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से मशीन किफायती कीमत में प्राप्त होती। शिकायत में मशीनों को बिना विधिवत प्रक्रिया के क्रय किया जाना बताया है।
250 रुपये के पेपर का पैकेट 455 में खरीदा
ABG मशीन रिजेंट पैक की खरीदी में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पाई गईं। अधिकृत दर की तुलना में कई गुना अधिक राशि खर्च कर राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि निविदा प्रक्रिया में साइबर अपराध की संभावना है। इसमें आरोप है की तीन कोटेशन के आईपी एड्रेस एक ही होने की बात कही गई है। एक टेंडर में फोटोकॉपियर पेपर ए-4 साइज के प्रति पैकेट टैक्स के साथ 455 रुपये में खरीदी गए। इसमें पेपर की मोटाई का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। शिकायत में कहा गया है कि खुले बाजार में वही पेपर 250 से 260 रुपये में टैक्स के साथ उपलब्ध है।
योजना बनाकर भ्रष्टाचार किया गया
शिकायतकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि अस्पताल में षड्यंत्र पूर्वक खरीदी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है। इसमें फायदा लेने के साथ ही चेहती फर्मों को भी फायदा पहुंचाया गया है। इस मामले की शिकायत शासन को की है।
कॉलेज से सभी दस्तावेज मंगाए हैं
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर संचालक वित्त महक सिंह ने कहा कि उनको शिकायत मिली है। कॉलेज से सभी दस्तावेज मंगाए हैं। शिकायत की जांच कर रहे हैं। इसके बाद रिपोर्ट वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जाएगी।