मध्य प्रदेश : नागदा हाईवे पर चोर गैंग का आतंक, ट्रांसपोर्टर दहशत में

जिले के नागदा क्षेत्र में स्थित हाइवे किनारे खडे़ ट्रकों से बदमाशों की गैंग बेखौफ होकर डीजल चोरी कर रही है और पुलिस के कानों में जुंह तक नहीं रेंग रही है। दरअसल, सफेद कलर की स्कॉर्पियों से आ रही चार सदस्यीय गैंग डीजल चोरी की वारदात कर रही है। यह गैंग अपने साथ मोटर, पाइप, बैरल लेकर पहुंचती है, इनके पास हथियार होना भी बताए जा रहे हैं।

28 अगस्त की रात्रि में जय भवानी और चोपाल सागर पेट्रोल पंप के आसपास खड़े लगभग आधा दर्जन से अधिक वाहनों को चोरों ने निशाना बनाया और डीजल चुराकर ले गए। संसाधनों की मदद से इस गैंग ने 6 दिन में 4 ट्रकों के डीजल टैंक से 80 हजार रुपये कीमत का 870 लीटर डीजल चोरी किया है। 12-13 अगस्त की रात भी एक ट्रक से 300 लीटर डीजल चोरी हुआ है। लगातार हो रही वारदात से ट्रांसपोर्टर खौफ में आ गए हैं। ट्रांसपोर्टरों के पास जगह होने के बावजूद वे अब अपने वाहन खड़े करने से कतराने लगे हैं। ऐसे में जरूरत है हाइवे पर सख्त पेट्रोलिंग की, लेकिन पुलिस सिर्फ थाने पर बैठकर कैमरे खंगाल रही है। हालात ऐसे है कि नगर के दोनों थानों में डीजल चोरी के केस तक दर्ज नहीं हो रहे है।

याद रहे कि 10-11 अगस्त की रात चकमाधवगढ़ में स्थित श्रीबालाजी फ्यूल्स पर खडे़ ट्रक से डीजल बदमाशों ने पंप कर्मचारियों के सामने ही चुरा लिया। पंप ऑर न्यू हरियाणा-पंजाब ट्रांसपोर्ट कॉपोर्रेशन के मालिक पप्पू खंडेलवाल ने बताया कि ट्रक क्रमांक एमपी 09 जीसी 3033 को नागदा से लोड करके रात ढाई बजे पंप पर खड़ा किया था। ड्राइवर ट्रक के केबिन में सो रहा था था, तड़के 4 बजे ड्राइवर ट्रक लेकर लालकुआं यूपी के लिए निकलने वाला था। इससे पहले तड़के 3 बजकर 5 मिनट स्कॉर्पियों से आए चार नकाबपोश बदमाशों ने ट्रक से 145 लीटर डीजल मोटर की मदद से खींचकर बैरल में भर लिया। बदमाशों को पकड़ने के लिए पंप कर्मचारी आगे बढे़ तो बदमाशों ने कर्मचारियों को धमकाया कि आगे बढे़ तो गोली मार देंगे। वारदात की शिकायत पप्पू ने उन्हेल थाने में भी की है। महाशक्ति ग्रुप के गोवर्धन सिंह यादव का कहना है कि पुलिस और प्रशासन ने ट्रांसपोर्टर नगर से भारी वाहनों को हटा दिया, जबकि अन्य जगह कोई सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे छोटे वाहन मालिकों को नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टर राकेश रघुवंशी का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को ट्रांसपोर्टरों की स्थिति को समझना चाहिए, ताकि नुकसान नहीं उठाना पड़े।

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