भारत-पाकिस्तान में युद्ध हुआ तो क्या आम आदमी भी लड़ सकता है जंग? जान लें नियम

भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय काफी तनाव है. पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन से हमला किया था जिसको एयरडिफेंस ने मार के गिरा दिया. चलिए आपको बताते हैं कि इसमें आम लोग क्या रोल निभा सकते हैं.भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन इस समय अपने पीक पर हैं. भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर किया था जिसमें भारतीय वायुसेना की तरफ से पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंक के ठिकानों को निशाना बनाकर उनको ध्वस्त कर दिया गया था. भारत के इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की सेना की तरफ से भारत के कुछ हिस्सों में भारी गोलीबारी और ड्रोन से हमला किया गया है, गोलीबारी के दौरान जम्मू-कश्मीर में 12 से ज्यादा निर्दोष नागरिक मारे गए हैं.

दोनों देशों को बीच चल रहे इस टेंशन पर देश के आम नागरिक भी पूरी तरफ नजर बनाए हुए हैं. चलिए आपको बताते हैं कि अगर भारत-पाकिस्तान में युद्ध हुआ तो क्या आम आदमी भी लड़ सकता है जंग. 

क्या पहले कभी ऐसा हुआ है
जंग में वैसे तो सेना ही आमने सामने होती है और उनके बीच जंग लड़ी जाती है जो जीतते है वह आगे बढ़कर दुश्मन के हिस्सों पर अपना कब्जा कर लेता है. हालांकि, साल 1971 की जंग एक ऐसी जंग थी जिसमें भारतीय सेना के साथ भारत के लोगों ने भी कंधे से कंधा मिलाकर भाग लिया था और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया था. कई ऐसे गांव हैं जहां के बुजुर्गों ने 1965 व 1971 की जंग लड़ी थी.  गांव वाले सेना के जवानों के लिए नाश्ता तैयार करके भेजते थे.

क्या ऐसा कोई है नियम
जंग के दौरान कई देशों में जहां सैनिक की संख्या कम हो जाती है और दुश्मन की सेना मजबूत है,  वहां की सरकार खुली भर्ती का आयोजन करती है और आम लोगों को भी जंग में शामिल होने के लिए कहती है जैसे कि रूस में आम लोगों को यूक्रेन के साथ जारी जंग में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है, उनको ट्रेनिंग देने के बाद यूक्रेन के साथ जंग करने के लिए भेज दिया जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच जंग में लोग सेना की मदद करते हैं उनके लिए खाना पानी बनाकर भेजते हैं कभी पाकिस्तान की सेना के साथ सीधी जंग नहीं लड़ी है. हालांकि,सरकार चाहे तो लोगों को शामिल कर सकती है लेकिन जबरदस्ती लोगों को लड़ने के लिए नहीं भेज सकती है.

आम आदमी कैसे लड़ता है जंग
किसी भी देश का आम आदमी या तो खुली भर्ती के दौरान सेना में शामिल होकर दुश्मन के साथ जंग करने उतर सकता है या फिर देश के अंदर रहकर सरकार के नियमों का पालन करके दुश्मन के साथ जारी जंग में उसे तरह से हरा सकता है. इसके साथ वह मेडिकल सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स , साइबर सुरक्षा और राहत और पुनर्वास कार्य के जरिए वह अपनी सेवा दे सकता है.

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