भारत के लिए खतरा? ऑपरेशन सिंदूर में शिकस्त खाने के बाद तेजी से युद्ध का साजो-सामान जुटा रहा पाकिस्तान, अगस्त तक पहुंच जाएगा हथियारों का जखीरा

नवंबर, 2024 में पहली बार एक एग्जिबिशन के दौरान चीनी J-35A ने प्रदर्शन किया था, जिसके दो महीने बाद ही पाकिस्तानी वायु सेना ने ऐलान किया कि फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
भारत से करारी शिकस्त मिलने के बाद पाकिस्तान ने युद्ध का साजो-सामान जुटाना शुरू कर दिया है, जिसमें उसका जिगरी दोस्त चीन मदद कर रहा है. चीन ने पाकिस्तान के लिए अपने पांचवीं पीढ़ी के J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट की डिलीवरी तेज कर दी है. ये हथियार पाकिस्तान को 50 परसेंट डिस्काउंट और लचीली भुगतान शर्तों के साथ दिए जा रहे हैं.

न्यूज 18 ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से पुष्टि की है कि अगस्त महीने तक पाकिस्तान के पास J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट्स की पहली खेप पहुंच जाएगी. पहले बैच में 30 फाइटर जेट भेजे जाएंगे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के साथ चली 3-4 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान ने J-10C और JF-17 जैसे चीनी हथियारों का पर भरोसा जताया था. हालांकि, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 जो पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर लगे थे, वे भारतीय सेना ने तबाह कर दिए थे.रिपोर्ट के अनुसार चीन का ये कदम भारत के साथ हुई सैन्य झड़प में पाकिस्तान की भूमिका के लिए एक इनाम है. पिछले साल चीन के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट को लेकर चर्चा थी कि पाकिस्तान चीन से 40 J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट खरीदेगा. 

ड्रैगन का यह कदम क्षेत्रीय तनाव और दक्षिण एशिया में बीजिंग की बढ़ती रणनीतिक रुचि के बीच चीन-पाकिस्तान रक्षा सहयोग में तेजी का संकेत है. हाल के दिनों में बीजिंग और इस्लामाबाद में चीनी और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच कई हाई-प्रोफाइल मीटिंग हुई हैं, जो इशारा करती हैं कि इन बैठकों में J-35A की तेज डिलावरी पर चर्चा हुई और भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को देखते हुए अधिकारियों ने रणनीतिक सैन्य साझेदारी के विस्तार पर भी बात हुई होगी.

-35A को शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है. इसका निर्माण विदेशों में निर्यात के लिए किया गया है. 12 नवंबर, 2024 में पहली बार चीन इंटरनेशनल एविएशन एंड एयरोस्पेस एग्जिबिशन में J-35A की झलक दिखाई गई थी. इसे अमेरिकी F-35 की नकल माना जाता है क्योंकि इसका डिजाइन उससे काफी ज्यादा मिलता-जुलता है. 

J-35A की खासियतें
इस जेट में डबल इंजन लगा है, अपने लॉ ऑब्जर्वेबल डिजाइन की वजह से यह जल्दी रडार की पकड़ में नहीं आता है. इसमें इंटरनल वेपन अपलोड किए जा सकते हैं और यह हवा से हवा और हवा से सतह पर मिसाइलें भी दाग सकता है. इसकी रफ्तार 2,200 किमी प्रति घंटा है और इसको रूस के Su-57 की टक्कर का माना जाता है.

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