भारत के बहादुर जवानों ने पाकिस्तान को चारों खाने चित कर उसको उसकी ही औकात में ला दिया: CM योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि साल 2017 के पहले का उत्तर प्रदेश, कोई सुरक्षित नहीं था। सड़कों पर कर्फ्यू जैसा दृश्य दिखाई देता था। उपद्रवी सड़कों पर तांडव करते थे। ना बेटी सुरक्षित थी ना व्यापारी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ आज यूपी के कासगंज जिले में पहुंचे। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा को संबोधित किया। इस संबोधन में सीएम योगी ने कहा, आपने देखा होगा कैसे पीएम नरेंद्र मोदी को नेतृत्व में भारत के बहादुर जवानों ने पाकिस्तान को चारों खाने चित करते हुए उसे उसकी ही औकात में लाने का काम किया है। अगर हमारे पास मजबूत सेना नहीं होती, भारत माता के पास बहादुर जवान नहीं होते, तो पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के होते हुए देश की जनता कैसे सुरक्षित होती। अब तो भारत ने भी बता दिया है कि अगर भारत के एक भी नागरिक को छेड़ोगे तो अपने अस्तित्व के लिए जूझोगे। अब पाकिस्तान दुनिया में अपनी जान बख्शने की गुहार लगा रहा है। 

सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर भी साधा निशाना

सीएम योगी ने कहा कि ये इसलिए हुआ क्योंकि पीएम मोदी के नेतृत्व में सेना के आधुनिकिकरण को लेकर लगातार काम किया गया है। इसलिए भारत की सेना दुश्मन का मुकाबला करने के लिए सदैव तत्पर रहती है। भारतीय सेना के पास दुश्मन के घर के अंदर घुसकर उनको मारकर उनका काम तमाम करने की क्षमता है। साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं था। शाम होते होते सड़कों पर कर्फ्यू जैसा दृश्य दिखाई देता था। उपद्रवी सड़कों पर तांड़व करते थे। तब ना ही बेटी सुरक्षित थी और ना ही व्यापारी। हर तीसरे दिन एक दंगा होता था। पर्व और त्योहार के पहले लोगों के घर में लोगों के मन में शंका आ जाती थी कि अब क्या होगा। प्रदेश में विकास ठप हो गया था। एक तरफ उपद्रव तो दूसरी तरफ अंधेरा। 

रामगोपाल यादव पर भड़के सीएम योगी

इन दोनों के बीच का समन्वय था समाजवादी पार्टी और साल 2017 के पहले की सरकारें। वो गुंडों के साथ मिलकर राज्य में अराजकता फैलाते थे। बता दें कि इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका निभाने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। सीएम योगी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है।’


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