
नोमुरा ने जरूर ये कहा कि जीडीपी रफ्तार में थोड़ी कमी के बावजूद मार्च 2026 के बेंचमार्ट निफ्टी इंडेक्स का टारगेट बढ़कर 26,140 हो जाएगा, जो पिछले पूर्वानुमान 24,970 से ज्यादा है. रिजर्व बैंक की तरफ से उदार नीति अपनाए जाने और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के बावजूद इकोनॉमिक मोर्चे पर भारत के लिए ये झटके वाली खबर है. जापान के ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपने पूर्वानुमान में भारत की आर्थिक रफ्तार कम रहने का अंदेशा जताया है. उसने वित्त वर्ष 2025-26 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत बने रहने का अनुमान लगाया है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के 6.5 प्रतिशत से कम है. ब्रोकरेज फर्म की तरफ धीमी रफ्तार की ये भविष्यवाणी उस वक्त की गई है जब जीएसटी कलेक्शन से लेकर ऑटोमोबाइल और बैंक क्रेडिट तक के बढ़ोतरी अलग-अलग डेटा सामने आये हैं.
धीमी होगी जीडीपी रफ्तार
गौरतलब है कि फाइनेंशियल ईयर 2024 में 9.2 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ने वाली जीडीपी में पिछले हफ्ते आए आधिकारिक डेटा के मुताबिक इकोनॉमिक रफ्तार 6.5 प्रतिशत की तरफ से बढ़ी है, यानी एक बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में जब आरबीआई की तरफ से अपने पूर्वानुमान में 6.5 प्रतिशत इकोनॉमी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, इसकी तुलना में नोमुरा की भविष्यवाणी में थोड़ी सी गिरावट है.
आरबीआई को वृद्धि का अनुमान
नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि GDP वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 के 6.5 प्रतिशत से घटकर 2025-26 में 6.2 प्रतिशत रह जाएगी.’’ ब्रोकरेज फर्म ने मार्च, 2026 के लिए निफ्टी के लक्ष्य को संशोधित कर 26,140 अंक कर दिया, जबकि पहले इसके 24,970 अंक पर रहने का अनुमान जताया गया था.
नोमुरा ने कहा कि ऐसा व्यापक आर्थिक रुझानों के आधार पर किया गया है. दूसरी ओर अमेरिकी ब्रोकरेज बोफा सिक्योरिटीज ने शेयर बाजार के मूल्यांकन के बारे में सतर्क टिप्पणी की और कहा कि ऐसा लगता है कि यह निकट अवधि के लिए अपने ऊपरी स्तर पर है.