
भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को अगले साल की शुरुआत में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल के अनुसार, यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और मुक्त व्यापार साझेदारी का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
भारत के नए उच्चायुक्त दिनेश कुमार पटनायक ने द ग्लोब एंड मेल को बताया कि दोनों देश तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों को सुधारने और व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए “ईमानदार प्रयास” कर रहे हैं, खासकर अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ तनाव के बीच। उन्होंने कहा, यदि व्यापक समझौता होता है, तो द्विपक्षीय व्यापार सालाना 50 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। पटनायक ने कहा, “हम चाहते हैं कि कनाडा के प्रधानमंत्री जल्द से जल्द भारत आएं। यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसे हम खराब नहीं होने देना चाहते।
ऐसे बिगड़ गए थे रिश्ते
वर्ष 2023 में, तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने मोदी सरकार पर सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद मुक्त व्यापार वार्ता रोक दी गई थी। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने भारतीय सरकारी एजेंटों को हिंसक गतिविधियों से जोड़कर देखा और कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त और राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।
सामान्य दिशा में बढ़ते कदम
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध जून में अल्बर्टा में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडाई पीएम कार्नी और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद सामान्य होने शुरू हुए। पटनायक ने बताया कि गर्मियों के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने और आर्थिक सहयोग को प्राथमिकता देने के लिए उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय चर्चाएं जारी हैं।
एआई शिखर सम्मेलन में निमंत्रण
भारत ने कार्नी को फरवरी में नई दिल्ली में होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन सम्मेलन में आमंत्रित किया है। पटनायक ने कहा कि पीएम मोदी द्विपक्षीय मुद्दों, विशेष रूप से आर्थिक और मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए समय निकालेंगे। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि वे निमंत्रण स्वीकार करेंगे। यदि नहीं, तो हम मार्च से पहले कोई समय निकाल लेंगे। मैं चाहता हूं कि वे मई से पहले आएं, जब गर्मी बढ़ जाती है।
व्यापार में अपार संभावनाएं
वर्ष 2024 में, भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड 23.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 2023 के मुकाबले 12.7 अरब डॉलर अधिक है। पटनायक ने कहा कि एक औपचारिक व्यापार समझौता इस मूल्य को आसानी से दोगुना कर सकता है। उन्होंने कहा, अगर कनाडा वार्ताएं शुरू करना चाहता है, तो हम चीजों को तेज करने के लिए तैयार हैं। सही माहौल मिले तो कम से कम 50 अरब डॉलर का व्यापार संभव है।
कनाडाई उत्पादों के लिए भारतीय बाजार
भारत कनाडाई तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा, बैटरी स्टोरेज, उर्वरक, प्रसंस्कृत खाद्य और कृषि उत्पादों में रुचि रखता है। साथ ही, एआई और क्वांटम कम्प्यूटिंग में सहयोग के लिए भी तैयार है। पटनायक ने कहा कि कनाडाई कैनोला (रेपसीड) को भारत में बाजार मिल सकता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल उपभोक्ता है। इससे कनाडा की चीन पर निर्भरता कम हो सकती है, जिसने हाल ही में कनाडाई कैनोला पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, इसके लिए एक मार्केटिंग अभियान की जरूरत होगी, क्योंकि भारतीय आमतौर पर सूरजमुखी, पाम, रेपसीड और सरसों के तेल पसंद करते हैं।



