भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चयन नवरात्र से पहले, नेताओं को दायित्वों का आवंटन भी जल्द

भाजपा संगठन में जल्द ही बदलाव होने के आसार हैं। उत्तराखंड में भाजपा जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान पिछले सप्ताह ही हो गया था। उससे पहले मंडल अध्यक्षों का चयन भी कर लिया गया था। इसके साथ ही उत्तराखंड में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही राज्य में कैबिनेट विस्तार की तैयारियां भी चल रही हैं। राज्य की कैबिनेट में चार पद पहले से ही खाली चल रहे थे। बीते दिनों विधान सभा के बजट सत्र के दौरान पर्वतीय समाज पर अभद्र टिप्पणी के बाद विवादों से घिरे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को इस्तीफा देना पड़ा था। उनके इस्तीफे के साथ ही कैबिनेट में खाली पदों की संख्या पांच पहुंच गई है। इसी के साथ ही राज्य में कैबिनेट विस्तार और फेरबदल की चर्चाएं भी तेज हो गई थी। परसों सीएम पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे के बाद राज्य में कैबिनेट विस्तार की अटकलें और तेज हो गई थी। इधर, अब राज्य में कैबिनेट विस्तार से पहले ही बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि कुछ ही दिन के भीतर भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। उसके साथ ही राज्य में भाजपा नेताओं को दायित्व बंटने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि दायित्वों के लिए भाजपा ने 30 नेताओं की लिस्ट तैयार कर ली है।

प्रदेश अध्यक्ष पद के ये संभावित दावेदार

चैत्र नवरात्र से पहले ही उत्तराखंड में भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में कई नेता शामिल बताए जा रहे हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं भी हैं।  भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का नाम की भी चर्चा है। यदि पार्टी दलित चेहरे का प्रयोग करेगी तो पूर्व कैबिनेट मंत्री खजानदास के नाम को गंभीरता से देखा जा रहा है। इनके अलावा वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली, महिला चेहरे के तौर पर पार्टी विधायक आशा नौटियाल और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल है।

दायित्वों के लिए 30 नेताओं की लिस्ट भेजी

उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार से पहले दायित्वों का आवंटन हो सकता है। प्रदेश संगठन ने ऐसे 30-32 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की सूची भेज दी है। महिला आयोग, बाल आयोग, अल्प संख्यक आयोग, उत्तराखंड वन विकास निगम, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के साथ ही जीएमवीएन, केएमवीएन आदि आयोग और परिषदों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद रिक्त चल रहे हैं। महिला और बाल आयोग के अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। सरकार ने नई नियुक्ति होने तक फौरी तौर पर दोनों का कार्यकाल बढ़ाया है। जल्द ही कई नेताओं को दायित्व बंट सकते हैं।

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