बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने की कुर्बानी पर रोक लगाने की मांग, कहा- ‘इस्लाम धर्म में जानवरों…’

बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि कोई भी धर्म किसी भी जीव की हत्या की इजाजत कतई नहीं देता. अगर कुर्बानी या बलि देना जरूरी हो तो नारियल और कद्दू की बलि दी जाए.बकरीद पर होने वाली कुर्बानी को लेकर राजस्थान में विवाद और बढ़ गया है. विश्व हिंदू परिषद के बाद बीजेपी के फायरब्रांड विधायक बालमुकुंद आचार्य ने भी रोक की मांग उठाई है. जयपुर शहर की हवा महल सीट से बीजेपी के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने मुसलमान से बकरीद पर बकरे के बजाय केक काटने की अपील की है.

बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि अगर परंपराओं का पालन ही करना है, तो आकृति का केक बनाकर उसे ही काटना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म में जानवरों की कुर्बानी को किसी भी धर्म ग्रंथ में जरूरी नहीं बताया गया है. त्योहार पर खुशियां मनाने के लिए जीवों की हत्या करना कतई उचित नहीं है.

हमारा देश अहिंसा परमो धर्म का सिद्धांत मानता है- बालमुकुंद आचार्यबीजेपी विधायक ने आगे कहा कि हमारा देश अहिंसा परमो धर्म का सिद्धांत मानता है. इसलिए त्योहार इको फ्रेंडली होना चाहिए. बालमुकुंद आचार्य के मुताबिक त्योहार के नाम पर जानवरों की जान लेना कतई नहीं है. यह गलत परंपरा बंद होनी चाहिए. 

बलि देना जरूरी हो तो नारियल और कद्दू की दी जाए- बीजेपी विधायक

बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि इसे कतई धर्म से भी नहीं जोड़ना चाहिए. कोई भी धर्म किसी भी जीव की हत्या की इजाजत कतई नहीं देता. अगर कुर्बानी या बलि देना जरूरी हो तो नारियल और कद्दू की बलि दी जाए.

वीएचपी ने की है ये मांग

बता दें कि इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने बकरीद पर की जाने वाली कुर्बानी को लेकर मुस्लिम समुदाय से अपील है कि वह भी संवेदनशीलता का परिचय दें और ईको-फ्रेंडली ईद मनाएं.डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि दीपावली और होली आदि हिंदू त्योहारों पर तथाकथित पर्यावरण प्रेमी हिंदुओं को सांकेतिक रूप में या इको फ्रेंडली होली, दीपावली मनाने की अपील करते हैं. कुछ जगह न्यायपालिका का एक वर्ग भी स्वतः संज्ञान लेकर उपदेशात्मक आदेश भी देता देखा गया है. किंतु, बकरीद पर होने वाली कुर्बानी को लेकर ये सभी कथित पर्यावरणविद चुप्पी क्यों साध लेते हैं.

Related Articles

Back to top button