
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार एसआईआर को लेकर कहा कि वोटर लिस्ट से बाहर किए गए मतदाता ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से भी अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (22 अगस्त, 2025) को बिहार स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एसआईआर प्रक्रिया में 11 दस्तावेजों के साथ आधार कार्ड को भी स्वीकार करें और इस पूरी प्रक्रिया को मतदाताओं के अनुकूल बनाएं.
भारतीय चुनाव आयोग ने सोमवार (18 अगस्त, 2025) को उन 65 लाख लोगों के नामों की घोषणा की जिनके नाम बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, वे आधार कार्ड या अन्य 11 स्वीकार्य दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन दावा प्रस्तुत कर सकते हैं. कोर्ट ने सूची से बाहर किए गए मतदाताओं को यह भी अनुमति दी है कि वे भौतिक (ऑफलाइन) के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से भी अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं.