अनुच्छेद में वैश्विक कार्बन बाजार के संचालन संबंधी प्रावधान भी बताए गए हैं। इस दिशा में बीते कई वर्षों से कोई प्रगति नहीं हुई थी। अब इसके लागू होने की उम्मीद बंधी है।
अजरबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित हो रहे वैश्विक जलवायु वार्ता सम्मेलन (COP29) के पहले दिन एक ऐतिहासिक फैसला हुआ। इस फैसले के तहत पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 को अपनाया गया। पेरिस समझौते के अनुच्छेद छह में वैश्विक कार्बन बाजार के गठन का प्रावधान है। साथ ही इस अनुच्छेद में वैश्विक कार्बन बाजार के संचालन संबंधी प्रावधान भी बताए गए हैं। इस दिशा में बीते कई वर्षों से कोई प्रगति नहीं हुई थी। अब इसके लागू होने की उम्मीद बंधी है।
क्या हैं पेरिस समझौते के अनुच्छेद छह में
पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6 कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की बात करता है। यह देशों और कंपनियों को कार्बन ऑफसेट का व्यापार करने के लिए दो रास्ते प्रदान करता है, जो कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करते हैं। इसका पहला विकल्प, जिसे अनुच्छेद 6.2 के रूप में जाना जाता है, यह दो देशों को अपनी शर्तों के तहत एक द्विपक्षीय कार्बन व्यापार समझौता स्थापित करने की अनुमति देता है। दूसरा है अनुच्छेद 6.4, जो केंद्रीकृत, संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में ऐसी प्रणाली विकसित करने पर फोकस करता है, जिससे दोनों देश और कंपनियां कार्बन उत्सर्जन को ऑफसेट और इसका व्यापार कर सकें।
इस तंत्र का उद्देश्य कार्बन-समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र वाले देशों में जलवायु वित्त प्रवाह को बढ़ाना है, जिससे पर्यावरण अखंडता और वित्तपोषण तक समान पहुंच हो सके।