कैल्शियम हमारे शरीर को मजबूत बनाने और इसके सही विकास के लिए बेहद जरूरी है। खासतौर पर बच्चों में बढ़ती उम्र के साथ ही इसकी अहमियत काफी बढ़ जाती है। कैल्शियम दांत हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। ऐसे में शरीर में इसकी कमी होने पर कई समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों में कैल्शियम की कमी (calcium deficiency) होने पर निम्न लक्षण नजर आते हैं।
मानव शरीर के सही विकास के लिए शरीर में सभी पोषक तत्वों का होना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए न्यूट्रिएंट्स जरूरी होते हैं। कैल्शियम इन्हीं जरूरी तत्वों में से एक है, जो दांत, हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि बच्चों में कैल्शियम की कमी रोकने के लिए लोग भर-भर कर गाय का दूध पिलाते है। हालांकि, इसकी ज्यादा मात्रा में हानिकारक होती है और एनीमिया और कब्ज की वजह बन सकती है।
यही वजह है कि बच्चों को कैल्शियम की एक सीमित मात्रा ही दी जानी चाहिए। छोटे बच्चों को अधिकतम दो से तीन कप दूध देने से उनकी कैल्शियम की जरूरत को पूरा किया जा सकता है, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो इससे उनमें इस पोषक तत्व की कमी हो सकती है, जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में कुछ लक्षणों की मदद से शरीर में इसकी कमी पहचान की जा सकती है।
बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण-
सामान्य विकास में देरी
चलने में देरी
कमजोर नाखून
कमजोर हड्डियां जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है
कम एनर्जी लेवल
बोन हाइपोप्लेसिया
मांसपेशियों में दर्द
माथे का उभरना
असामान्य शेप की स्पाइन
पैर धनुष की तरह मुड़े, जिसे बो लेग्स भी कहते हैं
भूख न लगना
चिड़चिड़ापन
कमजोरी
अनिद्रा
कैल्शियम की कमी दूर करने के उपाय-
अगर बच्चे में ऐसे कोई भी लक्षण दिखते हैं तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें। उनके निर्देश अनुसार सप्लीमेंट दें।
इसके अलावा बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध दें। अगर बच्चा इससे दूर भागता है, तो दूध की जगह पनीर, दही, छाछ, रबड़ी या अन्य डेयरी प्रोडक्ट भी दे सकते हैं।
बच्चा अगर लैक्टोज इंटोलेरेंट है, तो उसे हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, टोफू, चिया सीड्स, ओटमील जैसे फूड आइटम दें। इनसे भी कैल्शियम की पूर्ति पूरी तरह संभव है।
जरूरी नहीं है कि कैल्शियम की आपूर्ति मात्र दूध ही करे। इसलिए जितना संभव हो बच्चे को कैल्शियम के स्त्रोत अपने तरीके से खिलाएं क्योंकि छोटे बच्चे पिकी ईटर होते हैं और ऐसी हेल्दी चीजें खाने में वे आनाकानी करते हैं।
पनीर सैंडविच, चीज बाइट्स, पालक कॉर्न, चिया सीड्स वाली स्मूदी शेक जैसे ढेरों विकल्प हैं, जिससे बच्चे आसानी से कैल्शियम इनटेक कर सकते हैं।